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महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena) में बगावत और महा विकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद हुए पहले विधान परिषद चुनाव में बीजेपी और एकनाथ शिंदे को नुकसान का सामना करना पड़ा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के लिए पहले चुनावी टेस्ट में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) ने विधान परिषद की पांच सीटों में से दो पर जीत हासिल की है.
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और फडणवीस के गृह जिले नागपुर में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. नागपुर में एमवीए समर्थित विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के उम्मीदवार सुधाकर अदबले ने बीजेपी समर्थित मौजूदा एमएलसी नागो गानार को हरा दिया है. अडबले को 16,700 वोट मिले जबकि गनर को 8,211 वोट मिले.
वहीं औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार विक्रम काले ने जीत दर्ज की है. विक्रम काले को 20,195 वोट मिले. वहीं अमरावती स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी लिंगाडे बीजेपी प्रत्याशी रंजीत पाटिल से आगे चल रहे हैं.
इसके अलावा नासिक डिवीजन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से MVA के लिए बुरी खबर है. एमवीए की शुभांगी पाटिल के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार सत्यजीत तांबे ने जीत हासिल की है. पूर्व कांग्रेसी तांबे ने निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, जिसके लिए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. जीत के बाद तांबे ने कहा कि वह जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा करेंगे.
बीजेपी कोंकण डिवीजन शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की एक सीट जीतने में कामयाब रही, जहां बीजेपी उम्मीदवार ध्यानेश्वर म्हात्रे ने पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के एमएलसी बलराम पाटिल को 20,648 वोटों से हरा दिया और पहले दौर में ही 16,000 वोटों का आवश्यक कोटा पूरा कर लिया.
नागपुर शिक्षक सीट: सुधाकर अडबाले (कांग्रेस समर्थित)
औरंगाबाद शिक्षक सीट: विक्रम काले (NCP)
कोंकण शिक्षक सीट: ज्ञानेश्वरम्हात्रे (बीजेपी)
नासिक ग्रैजुएट सीट: सत्यजीत तांबे (निर्दलिय)
अमरावती ग्रैजुएट सीटः धीरज लिंगाडे (कांग्रेस)
माना जा रहा है कि बीजेपी-शिंदे सेना सरकार को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के खिलाफ जाने का नुकसान उठाना पड़ा है. फडणवीस ने राज्य विधानसभा में कहा था कि सरकार ओपीएस में कभी वापस नहीं लागू करेगी. हालांकि, ग्रैजुएट और शिक्षक मतदाताओं के मिजाज को भांपते हुए, शिंदे और फडणवीस दोनों ने बाद में यह कहते हुए अपना रुख बदल लिया कि वे ओपीएस के बारे में नकारात्मक नहीं हैं. लेकिन शायद वोटरों को ये बात जमी नहीं.
वहीं बीजेपी ने कहा कि वह चुनाव के रिजल्ट पर आत्म निरीक्षण करेगी, जबकि उत्साहित कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी को दूसरों के घरों को विभाजित करने की कोशिश और इस तथ्य का एहसास होना चाहिए कि महाराष्ट्र के लोग सरकार के खिलाफ हैं.
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