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महाराष्ट्र (Maharatshra) के गढ़चिरौली में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सरकार द्वारा चलाए जा रहे है आत्मसमर्पण योजना का असर भी दिखने लगा है. गढ़चिरौली के इनामी नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. दोनों पर करीब 12 लाख रुपये का इनाम था.
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कथित तौर पर हिंसा की कई घटनाओं में शामिल विकास सुकांत विनोद पाड़ा और राजी देबो ने गढ़चिरौली जिले के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल के समक्ष आत्मसमर्पण किया.
बताया जा रहा है कि नक्सलियों की खूनी कार्रवाई से दोनों परेशान होने लगे थे. इसके बाद दोनों ने इस विचारधारा को छोड़ने का मन बनाया और आत्मसमर्पण कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आत्मसमर्पित नक्सल दंपति ने बताया कि इन दिनों नक्सली ग्रुप में भेदभाव बढ़ने लगा है. जंगल में सैंकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. साथ ही मेहनत का काम सिर्फ महिला नक्सलियों को ही दिया जाता है. इसके अलावा नसबंदी कर पति-पत्नी को अलग रखा जाता है. यहां तक कि दवा के लिए पैसे भी उपलब्ध नहीं कराए जाते. जिस वजह से नक्सली अब आत्मसमर्पण का रास्ता चुन रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल के मुताबिक सितंबर 2010 में कोलु ऊर्फ विकास कंपनी नंबर 10 में सेक्शन कमांडर पद पर काम कर रहा था. साथ ही 3 हत्या, 7 मुठभेड़, 1 डकैती ऐसे कुल 11 मामले दर्ज हैं, सरकार ने इस पर आठ लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. वहीं राजे उसेंडी पर 1 हत्या, 4 मुठभेड़, 1 आगजनी के कुल 6 मामले दर्ज है उस पर सरकार ने चार लाख रुपए का इनाम घोषित किया था.
बता दें कि आत्मसमर्पण के बाद सरकार दोनों पति-पत्नी का एकसाथ आत्मसमर्पण करने के कारण कुल 7.50 लाख रूपए पुनर्वास के लिए मंजूर किए हैं. इसके अलावा इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार की अलग-अलग योजनाओं का लाभ भी देने की बात कही गई है.
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