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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के उद्घाटन की सूचना न दिए जाने से वह आहत हैं, क्योंकि इस परियोजना को मंजूरी उस दौरान मिली थी, जब वह रेलमंत्री थीं.
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कोलकाता में साल्ट लेक सेक्टर-5 से साल्ट लेक स्टेडियम रूट (4.8 किलोमीटर) मेट्रो कॉरिडोर का उद्घाटन किया था. इस मौके पर मुख्यमंत्री को आमंत्रित नहीं किया गया, लेकिन उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया. तृणमूल प्रतिनिधियों ने इस आमंत्रण का बहिष्कार किया और ममता बनर्जी को न बुलाए जाने पर आक्रोश प्रकट किया.
ममता ने कहा, "ईस्ट-वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मैंने कड़ी मेहनत की थी. उस समय मैं यूपीए सरकार में रेलमंत्री थी. इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने में मुझे काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. इसके लिए हमने बड़ी मुश्किल से फंड जुटाया था. यहां के लोग यह बात जानते हैं. मुझे दुख है कि इसके उद्घाटन की मुझे जानकारी तक नहीं दी गई. "
मेट्रो परियोजना का पहला चरण साल्ट लेक के सेक्टर पांच और साल्ट लेक स्टेडियम को जाड़ने वाला 4.88 किलोमीटर लंबा गलियारा है.
पश्चिम बंगाल के राजनीतिक दलों पर राजनीतिक प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सीपीएम और कांग्रेस ने बीजेपी के सामने हथियार डाल दिए हैं. उन्होंने कहा कहा, 'कांग्रेस जितना सीपीएम के करीब जाएगी, वह उतना ही अपना महत्व खोतकी जाएगी. जहां भी क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, वहां सही मायने में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है. ममता ने कहा कि वह दूसरे मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर उनसे एनपीआर की प्रक्रिया नहीं करने की अपील करेंगी क्योंकि यह एनआरसी की तैयारी है.
ममता ने कहा कि जो राजनीतिक दल बीजेपी के दबाव में आ जाएंगे, उनके लिए आगे मुश्किल का दौर शुरू हो जाएगा. बीजेपी क्षेत्रीय दलों को दबाने की कोशिश में है लेकिन तृणमूल कांग्रेस इस दबाव के आगे नहीं झुकेगी.
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