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पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने मनमोहन सिंह सरकार के समय का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सोमवार को 33 पैसे की बढ़ी हुई कीमत के साथ दिल्ली में पेट्रोल 76.57 रुपये प्रति लीटर रहा. यूपीए-2 के दौरान मनमोहन सिंह सरकार में पेट्रोल की सबसे ज्यादा कीमत सितंबर 2013 में 76.06 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी.
मुंबई में पेट्रोल सबसे ज्यादा महंगा है. सोमवार को 33 पैसे की बढ़ी हुई कीमत के साथ मुंबई में पेट्रोल 84.40 पैसे प्रति लीटर रहा.
तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के दौरान 19 दिन तक तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था. इसके बाद 14 मई को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव की प्रक्रिया को बहाल कर दिया गया. इसके बाद से तेल की कीमतों में लगातार सातवें दिन बढ़ोतरी हुई है. बीते सप्ताह पेट्रोल के दाम 1.61 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम में 1.64 रुपये प्रति लीटर बढ़े.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों पर गंभीर चिंता जताई है. ममता ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा , ‘‘हम पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं. इससे सभी चीजों के दामों पर प्रभाव पड़ेगा. आम लोग , किसान और अन्य भी इससे प्रभावित होंगे.''
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 78.91 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 70.12 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है.
सीपीआई ने पेट्रोल डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के लिये मोदी सरकार की गलत कर नीति को जिम्मेदार ठहराया है. सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने पेट्रोल की कीमत पहली बार 84 रुपये प्रति लीटर के पार जाने का हवाला देते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस मामले में चुप्पी पर सवाल खडे़ किये.
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘मोदी मन की बात में इस बात का जिक्र नहीं कर रहे हैं कि किस तरह से मेहनतकश और ईमानदार लोगों पर पड़ रही कर की ऊंची दरों की मार के कारण पेट्रोल की रिकॉर्ड तोड़ कीमत की उपलब्धि हासिल हुई है. क्या वह इसका श्रेय नहीं लेंगे?''
एक अन्य ट्वीट में येचुरी ने कहा ‘‘आम आदमी पेट्रोल और डीजल के लिये रिकॉर्ड कीमत चुका रहा है. जबकि अमीरों को कर्ज से मुक्ति मिल रही है और नीरव मोदी, ललित मोदी और माल्या जैसे लोगों को खुशी-खुशी जनता को लूटने की छूट मिली हुई है.'' उन्होंने कहा कि यह आम भारतीय पर बोझ डाल रही ‘मोदीक्रेसी' है.
सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि फिलहाल डीजल और पेट्रोल पर ड्यूटी कम नहीं होगी. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि तेल एक्सपोर्ट करने वाले देशों में तेल के कम उत्पादन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ गए हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि देश के लोगों, खासतौर पर मिडिल क्लास के लोगों पर पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों का बुरा असर पड़ा है. भारत सरकार इसका हल निकालने के लिए जल्द ही कोई कदम उठाएगी.'
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