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मंदसौर के स्पेशल कोर्ट ने 8 साल की स्कूली बच्ची का अपहरण कर गैंगरेप करने के मामले में दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. 26 जून को हुई वारदात पर सुनवाई करते हुए जज निशा गुप्ता ने मामले में इरफान और आसिफ को दोषी करार दिया था. मंदसौर में 8 साल की बच्ची को 26 जून की शाम लड्डू खिलाने का लालच देकर उस वक्त अगवा किया गया था जब वो स्कूल की छुट्टी के बाद अपने घर जा रही थी.
गैंगरेप के बाद क्लास 3 की इस छात्रा को जान से मारने की नीयत से उस पर चाकू से हमला भी किया गया था. वो 27 जून की सुबह शहर के बस स्टैंड के पास झाड़ियों में लहूलुहान हालत में मिली थी. इस मामले में पुलिस ने इरफान और आसिफ को गिरफ्तार किया था.
मध्यप्रदेश पुलिस की SIT ने दोनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 376-डी (गैंगरेप), 376 (2एन), 366 (अपहरण), 363 (अपहरण के दण्ड) और पॉक्सो एक्ट से जुड़े धाराओं के तहत 10 जुलाई को चार्जशीट दाखिल किया था.
घटना के सिर्फ 15वें दिन दाखिल किए गए चार्जशीट में 350 से अधिक पेज और सबूत के लिए करीब 100 दस्तावेज थे. इसमें डॉक्टरों समेत 92 गवाहों के बयान भी दर्ज थे. इसके अलावा, इस आरोप पत्र के साथ कोर्ट में 50 चीजें भी पेश की गई हैं, जिनमें आरोपियों ने जिस चाकू का इस्तेमाल बच्ची को जान से मारने की नीयत से किया था वो भी शामिल था. इस अमानवीय घटना के बाद मंदसौर समेत मध्यप्रदेश में आरोपियों को तुरंत फांसी देने की मांग करते हुए लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए थे.
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