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मी टू कैंपेन में मोदी सरकार के मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है. मी टू को मिल रहे समर्थन और अकबर के मामले में सरकार से जवाब देने की बढ़ती मांग के बीच महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों की जन-सुनवाई होगी.
उन्होंने कहा कि मी टू कैंपेन से सामने आ रही सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों की सुनवाई के लिए उनका मंत्रालय रिटायर्ड जजों का चार सदस्यीय पैनल बनाएगा. यह पैनल मी टू कैंपेन से सामने आए सेक्सुअल हैरेसमेंट के मामलों की पब्लिक हियरिंग करेगा.
मेनका गांधी ने कहा,
मेनका ने कहा कि यह पैनल लीगल और इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों को देखेगा और मंत्रालय को इन्हें मजबूत करने की सलाह भी देगा.
पिछले एक पखवाड़े के दौरान देश में मी टू कैंपेन ने जोर पकड़ लिया है. इस दौरान बड़ी तादाद में महिलाएं अपने साथ हुए यौन शोषण की घटनाओं के बारे में खुल कर बोल रही हैं और उन्हें हर ओर से समर्थन मिल रहा है. मोदी सरकार में विदेश मंत्री एम जे अकबर के खिलाफ आठ महिलाओं की ओर से यौन शोषण की शिकायतें आने के बाद उन्हें हटाने की मांग होने लगी है.
मी टू कैंपेन में मीडिया, फिल्म और एंटरटेनमेंट दुनिया के पुरुषों के नाम आ रहे थे. अकबर राजनीति की दुनिया के पहले शख्स हैं, जिनके खिलाफ मी टू कैंपेन में यौन शोषण का आरोप लगाया गया है. अकबर ने अभी इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.
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