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बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य के दौरे के दौरान 6 एफआईआर की सीबीआई जांच की बात कही थी. जिनमें से पांच कथित आपराधिक षड्यंत्र और एक मणिपुर में हिंसा के पीछे सामान्य साजिश पर आधारित है.
न्यूज एजेन्सी पीटीआई के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि केंद्र के माध्यम से भेजे गये राज्य के एक संदर्भ पर कार्रवाई करते हुए, सीबीआई ने एसआईटी का गठन किया है और मामलों की जांच अपने हाथ में ली है.
सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक चुराचंदपुर में शाह ने जो-कुकी नागरिक समाज संगठनों के नेताओं, जनजाति प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के साथ बंद कमरे में बैठकें कीं. उनकी बातचीत का पहला राउंड, नागरिक समाज संगठन के नेताओं, छात्र निकायों, महिला समूहों और जनजाति नेताओं के साथ था, जो लगभग एक घंटे तक चला.
मणिपुर में फैली हिंसा में मरने वालों की संख्या वर्तमान में 98 है. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में घायलों की संख्या 310 और आगजनी के दर्ज मामलों की संख्या 4,014 बताई गई है. 11 मैगजीन सहित 144 चोरी के हथियार बरामद किए गए हैं. बरामद हथियारों में 29 सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR), 15 कार्बाइन, 12 इंसास राइफल और 10 ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं.
इस बयान के अनुसार, अबतक कुल 3,734 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से अधिकतम 1,257 इंफाल पश्चिम जिले में. इसके बाद कांगपोकपी में 932 और बिष्णुपुर 844 दर्ज की गई हैं.
दरअसल पिछले दिनों राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था, लेकिन इसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं.
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