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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली. कोर्ट ने कहा कि जमानत के लिए हाईकोर्ट जाएं. दिल्ली सरकार की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया है. इसके बाद CBI ने सोमवार को उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था,जहां से उन्हें पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया.
मनीष सिसोदिया ने मंगलवार 28 फरवरी को शराब नीति मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने शुरू में नोट किया कि गिरफ्तार AAP नेता के पास जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने और एफआईआर को रद्द करने की मांग करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत विकल्प मौजूद हैं.
हालांकि, कोर्ट में सिसोदिया की पैरवी कर रहे वकील अभिषेक सिंघवी ने विनोद दुआ मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, क्योंकि विनोद दुआ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि आपको गिरफ्तारी की परम आवश्यकता तब होती है जब ट्रिपल टेस्ट- फ्लाइट रिस्क, समन अटेंड न करना, आपराधिक हस्तक्षेप का कोई मामला हो लेकिन यहां इनमें से कोई मामला नहीं उठता है.
इसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वे इस मामले की सुनवाई आज शाम को ही करेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने कहा,
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमारे दरवाजे खुले हैं, लेकिन हम फिलहाल अभी इसपर सुनवाई के लिए तैयार नहीं हैं. यह एक बहुत बुरी मिसाल होगी."
सीबीआई ने रविवार शाम मनीष सिसोदिया को 2021-22 के लिए रद्द की जा चुकी शराब नीति के निर्माण और इसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.
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