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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को कड़े शब्दों में चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में तीन मूर्ति भवन में होनेवाले संभावित बदलाव का जिक्र करते हुए सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. सिंह ने मोदी को ऐतिहासिक तीन मूर्ति कॉम्पलेक्स के संबंध में कहा है कि सरकार नेहरू का योगदान मिटाने की कोशिश न करें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मनमोहन ने लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू सिर्फ कांग्रेस के नेता ही नहीं बल्कि पूरे देश के नेता थे.
सिंह ने पीएम मोदी से कहा कि आपकी सरकार एजेंडे के साथ नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी के कंस्ट्रक्शन में बदलाव करने में लगी है. इसलिए आपसे उम्मीद की जाती है कि आप ऐसा ना करें.
बात दें कि मोदी सरकार तीन मूर्ति भवन के भीतर ही देश के सभी प्रधानमंत्रियों से जुड़ा एक म्यूजियम बनाने की योजना पर काम कर रही है. इस योजना का कांग्रेस ने काफी विरोध किया था. कांग्रेस का कहना है कि ऐसा होने से तीन मूर्ति भवन में रखी गईं नेहरू से जुड़ी विरासतों को कम किया जा सकता है.
मनमोहन सिंह ने पिछले हफ्ते भेजे गए अपने लेटर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया. सिंह ने लिखा है कि वाजपेयी ने पीएम के रूप में 6 साल काम किया. लेकिन इस दौरान नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी और तीन मूर्ति कैंपस में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. लेकिन अफसोस की बात है कि यह अब भारत सरकार के एजेंडे का हिस्सा है.
मनमोहन सिंह ने वाजपेयी के संसद में भाषण का जिक्र करते हुए लिखा है- “इस तरह के निवासी फिर कभी तीन मूर्ति की शोभा नहीं बढ़ा सकते हैं. वह जीवंत व्यक्तित्व, विपक्ष को भी साथ लेने का दृष्टिकोण, सज्जनता और वह महानता जो निकट भविष्य में फिर से नहीं देख सकते हैं. विचारों के अंतर के बावजूद हमारे पास उनके महान आदर्शों, उनकी ईमानदारी, देश के लिए उनके प्यार और उनके अतुलनीय साहस के प्रति सम्मान है.”
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