Home News India ‘मन की बात’ में बोले मोदी-2 अक्टूबर को प्लास्टिक के खिलाफ जनांदोलन
‘मन की बात’ में बोले मोदी-2 अक्टूबर को प्लास्टिक के खिलाफ जनांदोलन
अपने दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार मोदी ने इस प्रोग्राम में अपनी बात रखी
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पीएम नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ प्रोग्राम में कई मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं
(फोटो: PIB)
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पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर 'मन की बात' प्रोग्राम के जरिए लोगों से बात की. पीएम के तौर पर दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार उन्होंने इस प्रोग्राम में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. रेडियो पर इसका प्रसारण सुबह 11 बजे से किया गया.
'मन की बात' से जुड़ा अपडेट आप इस LIVE ब्लॉग में देख सकते हैं. पीएम मोदी ने जो कुछ कहा, उसे आगे प्वाइंट के साथ दिया गया है.
इस बार एजेंडे में क्या हो सकता है?
पीएम मोदी इस बार लोगों से किन मुद्दों पर बात करेंगे, इस पर हर किसी की नजर टिकी हुई है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मोदी कश्मीर के बदले हुए हालात पर कुछ टिप्पणी कर सकते हैं.
बीजेपी के सीनियर लीडर अरुण जेटली के निधन पर पीएम मोदी शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दे सकते हैं और कुछ पुरानी यादें शेयर कर सकते हैं.
पीएम मोदी ने जन्माष्टमी के अगले दिन चक्रधारी कृष्ण और 'चरखधारी' मोहन के बीच तुलना करते हुए उनकी गाथा सुनाई. उन्होंने कहा:
भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से मौजूदा समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सकता है
एक सुदर्शन चक्रधारी मोहन हैं और एक चरखाधारी मोहन
एक तरफ वर्षा, दूसरी तरफ उत्सव
हमारा देश इन दिनों एक तरफ वर्षा का आनंद ले रहा है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान के हर कोने में किसी न किसी प्रकार से उत्सव और मेलों की धूम है. दिवाली तक सब-कुछ यही चलेगा.
पिछले दिनों हम लोगों ने कई उत्सव मनाए. कल हिन्दुस्तान में श्रीकृष्ण जन्म-महोत्सव मनाया गया. मित्रता कैसी हो, तो सुदामा वाली घटना कौन भूल सकता है. युद्धभूमि में इतनी सारी महानताओं के बावजूद भी सारथी का भार स्वीकारना...
गांधी जयंती पर पीएम का विशेष जोर
आज जब हम उत्सवों की चर्चा कर रहे हैं, तब भारत एक और बड़े उत्सव की तैयारी में जुटा है. भारत के साथ-साथ दुनियाभर में इसकी चर्चा है. मैं बात कर रहा हूं महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती की.
गांधीजी ने किसानों की सेवा की, जिनके साथ चम्पारण में भेदभाव हो रहा था. उन मिल मजदूरों की सेवा की, जिन्हें उचित मजदूरी नहीं मिल रही थी, गांधीजी ने गरीब, बेसहारा और कमजोर लोगों की सेवा को अपने जीवन का परम कर्तव्य माना.
गांधीजी ने सेवा शब्दों में नहीं, जी करके सिखाई थी. सत्य के साथ, गांधीजी का जितना अटूट नाता रहा है, सेवा के साथ भी उतना ही अनन्य अटूट नाता रहा है.
महात्मा गांधी अनगिनत भारतीयों की तो आवाज बने ही, साथ ही मानव मूल्य और मानव गरिमा के लिए, एक तरह से वे विश्व की आवाज बन गये थे.
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2 अक्टूबर को प्लास्टिक के खिलाफ जनांदोलन
इस बार 2 अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे, तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे, बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे.
कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले करके ही आएं. इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पाएंगे.
मैं समाज के सभी वर्गों से, निवासियों से अपील करता हूं कि इस वर्ष गांधी जयंती एक प्रकार से हमारी इस भारत माता को प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के रूप में मनाएं. महात्मा गांधी जयंती का दिन एक विशेष श्रमदान का उत्सव बन जाए.
कुपोषण और योग पर
आज जागरूकता के आभाव में कुपोषण से गरीब और संपन्न, दोनों ही तरह के परिवार प्रभावित हैं. पूरे देश में सितंबर महीना ‘पोषण अभियान’ के रूप में मनाया जाएगा. आप जरूर इससे जुड़िए, जानकारी लीजिए, कुछ नया जोड़िए.
मैंने देखा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कारण से स्थिति ये बन गई है कि दुनिया में जिस किसी मिलता हूं, तो कोई-न-कोई योग के बारे में मुझसे सवाल-जवाब करता ही है.
‘Man Vs Wild’ कार्यक्रम पर
हमारे भारत में क्लाइमेट चेंज और स्वच्छ वातावरण की दिशा में उठाये गए कदमों को अब लोग जानना चाहते हैं.
मुझे आशा है कि ‘Man Vs Wild’ कार्यक्रम भारत का संदेश, भारत की परंपरा, भारत के संस्कार यात्रा में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता- इन बातों से सारी दुनिया को परिचित कराने में मदद करेगा.
भारत में पर्यावरण की care और concern, यानी देखभाल की चिंता स्वाभाविक नजर आ रही है
29 अगस्त को 'फिट इंडिया मूवमेंट'
आप सभी को याद होगा कि 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर हम देशभर में ‘Fit India Movement’ शुरू करने वाले हैं.
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