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Manoj Bajpayee: मनोज बाजपेयी 14 साल से डिनर नहीं करते, क्या यह हेल्दी है?

रात का भोजन दिन के भोजन से हल्का जरूर होना चाहिए लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आपको बिल्कुल खाली पेट सोना चाहिए.

अश्लेषा ठाकुर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>Manoj Bajpayee No Dinner Diet:&nbsp;</strong>14 सालों से&nbsp;मनोज बाजपेयी  नहीं खाते रात में खाना. </p></div>
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Manoj Bajpayee No Dinner Diet: 14 सालों से मनोज बाजपेयी नहीं खाते रात में खाना.

(फोटो:फिट हिंदी)

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Manoj Bajpayee No Dinner Diet: अभिनेता मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने हाल ही एक जगह इंटरव्यू देते हुए अपने फिटनेस के राज के जवाब में बताया कि उन्होंने लगभग 13-14 वर्षों से रात का खाना नहीं खाया है. अभिनेता ने कहा कि उन्होंने यह आदत अपने 'बेहद फिट' दादा से अपनाई थी. बाजपेयी ने कहा कि उन्होंने अपने आहार और खाना खाने के समय में कई बदलाव किए जिसमें 12-14 घंटे तक भूखे रहना भी शामिल है, जिसका अर्थ है कि वह पूरी तरह से रात का खाना नहीं खाते हैं. लेकिन क्या डिनर नहीं करना हेल्दी है?

इस बारे में फिट हिंदी ने गुरुग्राम के सी.के बिरला अस्पताल में नुट्रिशियन एंव डायटीटिक्स की एचओडी प्राची जैन और गुरुग्राम, सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स में न्यूट्रीशन एंड डाइटेटिक्स की एचओडी दीक्षा दयाल से बात की और जाना कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) किसके लिये है और कितना हेल्दी है.

हाल ही में मशहूर अभिनेता मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया कि उन्होंने लगभग 13-14 वर्षों से रात का खाना नहीं खाया है. अभिनेता ने कहा कि उन्होंने यह आदत अपने 'बेहद फिट' दादा से अपनाई थी.

(फोटो:फिट हिंदी)

तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले मशहूर अभिनेता मनोज बाजपेयी ने एक इंटरव्यू में कहा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) आजकल बहुत चलन में है पर असल में ये फिट रहने की सालों पुरानी तरकीब है. उन्होंने अपने 'फिट दादाजी' को ऐसा करते देखा है.

(फोटो:फिट हिंदी)

मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) ने कहा कि उन्होंने अपने रोजाना आहार में कुछ बदलाव किया है, जिसमें अधिकतर घर का बना भोजन खाना और 12-14 घंटे का उपवास शामिल है, जिसका अर्थ है कि वह रात का खाना नहीं खाते हैं. इसके तहत दिन के 24 घंटे में फास्टिंग और भोजन का अनुपात 16 (फास्टिंग):08 (ईटिंग) का तय किया जाता है. इसे लोग अपने समय और सहूलियत के अनुसार तय कर सकते हैं. लेकिन उसे कौन कर सकता है और कौन नहीं यह व्यक्ति विशेष के स्वास्थ्य, बीमारी, पोषण जैसे कारकों पर निर्भर करता है.

(फोटो:फिट हिंदी)

हमारे एक्सपर्ट्स के अनुसार यह हर किसी के लिए नहीं है, क्योंकि हर एक व्यक्ति का स्वास्थ्य अलग हो सकता है, ऐसे में पोषण की जरूरतें भी अलग होती हैं, साथ ही अगर कोई किसी बीमारी से जूझ रहा हो तो खासतौर पर बिना डॉक्टर की सलाह के इस तरह की फास्टिंग नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे में दवाओं और दूसरे कई तरह के परहेज की भी गुंजाइश होती है.

(फोटो:फिट हिंदी)

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1. इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) में 8 घंटे हेल्दी भोजन और 16 घंटे उपवास किया जाता है. इसमें व्यक्ति को भोजन करने के लिए दिन भर में किसी भी 8 घंटे के समय का चयन करना चाहिए, लेकिन बेहतर परिणामों के लिए स्वस्थ खाने के विकल्पों का चयन करना चाहिए और दिन में 16 घंटे के उपवास में कोई नो कैलोरी ड्रिंक शामिल कर सकते हैं, जैसे ब्लैक टी, ब्लैक कॉफी, नारियल पानी, डिटॉक्स वॉटर, ग्रीन टी, नॉर्मल पानी.

2. 5:2- इस फ़ास्टिंग में व्यक्ति सप्ताह में 5 दिन नार्मल डाइट ले सकते है और सप्ताह में 2 दिन उपवास रख सकते है.

3. इसमें व्यक्ति प्रति दिन डाइट में 500 कैलोरी तक कम कर सकता है और हर दूसरे दिन फास्टिंग भी कर सकता है.

(फोटो:फिट हिंदी)

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) से वजन घटता है इसलिए ज्यादा वजन वाले और वजन से जुड़ी बीमारियों वाले रोगियों को इसकी सलाह दी जाती है.

2. इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent fasting) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है इसलिए कार्डियोवैस्कुलर मरीजों को भी इसकी सलाह दी जाती है.

3. ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है.

4. शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है, जिससे स्वस्थ और फिट रहने में मदद मिलती है.

(फोटो:फिट हिंदी)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक लंबे समय तक भूखे रहना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है क्योंकि इससे कई पोषक तत्वों की कमी, एकाएक वजन घटना, लौ मेटाबोलिज्म, लो शुगर, एसिडिटी, नींद में समस्या और ऊर्जा का स्तर घट  सकता है, जो आगे चलकर शरीर में ऐंठन, सिरदर्द, मतली का कारण बन भी सकता है. आपको इंटरमिटेंट फाटिंग करनी चाहिए या नहीं या पूरी तरह से व्यक्ति विशेष पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार निर्भर करता है.

(फोटो:फिट हिंदी)

सबसे पहले रात का खाना छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि रात का खाना हल्का खाना चाहिए जिसमें सूप और पकी सब्जियां, दालें शामिल हों. लेकिन अगर रात के खाने के बाद भूख लगती है, तो नाश्ते के रूप में अनसाल्टेड नट्स, खजूर, केला खा सकते हैं. हेल्दी विकल्पों में सूप, नट्स या फल लिए जा सकते हैं. ध्यान रहे अपने आप को किसी भी तरह के अतिरिक्त शारीरिक या मानसिक कष्ट में न डालें. 

(फोटो:फिट हिंदी)

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