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मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण को लेकर बुधवार को मुंबई में मराठा संगठन की एक बड़ी रैली है. इस इस बार मराठा क्रांति मोर्चा रैली में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से मराठा समुदाय के लाखों लोग मुंबई पहुंचे हैं.
मोर्चा सुबह 11 बजे मुंबई के भायखला से शुरू हुआ, इसमें शामिल लाखों की तादाद में लोग मौन होकर आरक्षण की मांग को उठा रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण राणे ने कहा कि इस रैली में किसी भी तरह का राजनैतिक भाषण नहीं होगा. शाम पांच बजे मुंबई के आजाद मैदान में रैली खत्म होगी.
वहीं रैली की वजह से मुंबईकरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बुधवार सुबह से ही शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया है. ठाणे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर हजारों की संख्या में गाड़ियां जाम में फसी हुई हैं.
इस रैली का मुख्य मकसद है मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण मिले. साथ ही कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य और SC-ST कानून में संशोधन की मांग भी शामिल है. इस रैली के आयजकों का मानना है कि SC-ST कानून का मराठा समुदाय के खिलाफ दुरुपयोग हो रहा है.
राज्य की आबादी में 33 फीसदी मराठा है. 288 विधानसभा में से 75 सीटों पर किसी भी उम्मीदवार को हराने या जिताने में निर्णायक भूमिका इनकी होती है. शरद पवार, अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण जैसे दिग्गज नेता इसी समाज से आते हैं. अब तक महाराष्ट्र के 18 मुख्यमंत्रियों में से 13 मुख्यमंत्री मराठा समुदाय से बने.
रैली कीू वजह से बुधवार को दक्षिण मुंबई के सभी स्कूल बंद हैं. राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने पहले ही स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया था.
इस रैली में तकरीबन 5 से सात लाख लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. पुलिस उपायुक्त रश्मि करंदीकर ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए यातायात में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया है. कई सड़कों को या तो बंद कर दिया गया है या वन-वे कर दिया गया है.
इस मराठा क्रांति मोर्चा रैली में महाराष्ट्र के सभी डब्बावाला भी शामिल हैं. डब्बेवालों ने रैली में शामिल होने के लिए बुधवार यानी 9 अगस्त को काम न करने की खबर पहले ही लोगों को दे दी थी.
इस रैली का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मुंबई पुलिस ने जुलूस के दौरान सुरक्षा बनाए रखने के लिए सात हजार कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है. इनमें कमांडो, सशस्त्र पुलिस, सादे कपड़ों में अफसर शामिल हैं.
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