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जिंदा नवजात शिशु को मरा हुआ घोषित करने पर बंद कर दिए गए दिल्ली के मैक्स अस्पताल में बुधवार को कामकाज फिर शुरू हो गया. इस मामले के बाद केजरीवाल सरकार ने शालीमार स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था.
अस्पताल की ओर से कहा गया है कि फाइनेंस कमिशनर की अदालत ने मंगलवार को लाइसेंस रद्द करने के दिल्ली सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी. अस्पताल ने रद्द लाइसेंस को बहाल करने के लिए अपीलीय प्राधिकरण की शरण ली थी. मैक्स अस्पताल ने अपने बयान में कहा है,
दरअसल, ये मामला 30 नवंबर का है. दिल्ली में शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल में सुबह दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. लेकिन कुछ देर बाद ही हॉस्पिटल ने एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
इस पूरे मामले में परिवारवालों की शिकायत पर पुलिस ने IPC की धारा 308 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था. मैक्स ने इसके खिलाफ उप राज्यपाल अनिल बैजल के सामने अपील की थी.
परिवार के मुताबिक अस्पताल ने बच्चे को मरा हुआ बताकर एक प्लास्टिक बैग में रख दिया. परिवार को जैसे ही अहसास हुआ कि बच्चा जिंदा है, वो उसे फौरन पास के हॉस्पिटल में ले गए. लेकिन कुछ दिन बाद उस बच्चे की मौत हो गई.
“हमें बताया गया है कि 22 हफ्ते के प्री-मैच्योर जुड़वा बच्चों ने हॉस्पिटल में जन्म लिया. एक बच्चा लाइफ सपोर्ट पर था और मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में जब जीवित होने के संकेत नहीं दिखे तो उन्हें परिवार को सौंप दिया गया. 30 नवंबर की सुबह इन जुड़वां बच्चों ने जन्म लिया था. दूसरा बच्चा मृत ही जन्मा था. हम परेशान हैं और इस घटना से बेहद चिंतित हैं. हमने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है. जब तक जांच शुरू नहीं हो जाती तब तक संबंधित डॉक्टर को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया गया है. हम लगातार परिवार के संपर्क में हैं और उन्हें हर जरूरी मदद कर रहे हैं”
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