Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019शर्मनाक! एंबुलेंस का तेल रास्ते में ही खत्म, गर्भवती की मौत

शर्मनाक! एंबुलेंस का तेल रास्ते में ही खत्म, गर्भवती की मौत

एंबुलेंस का तेल कथित तौर पर रास्ते में ही खत्म हो गया

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
एंबुलेंस का तेल कथित तौर पर रास्ते में ही खत्म हो गया
i
एंबुलेंस का तेल कथित तौर पर रास्ते में ही खत्म हो गया
(फोटो: ANI)

advertisement

ओडिशा के बारीपाड़ा में एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल ले जाने के दौरान एक गर्भवती की मौत हो गई. महिला जिस एंबुलेंस में थी, उसका तेल कथित तौर पर रास्ते में ही खत्म हो गया. बारीपाड़ा में पंडित रघुनाथ मुर्मू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PRMMCH) में महिला को शिफ्ट किया जाना था. ये मामला शुक्रवार 4 अक्टूबर का है.

हांडा गांव के चित्तरंजन मुंडा की पत्नी तुलसी मुंडा को शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद उसे बांगिरीपोशी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया. उसकी हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे PRMMCH रेफर कर दिया.

जब उसे एंबुलेंस में लेकर जाया जा रहा था तो बारीपाड़ा कस्बे के बाहरी इलाके में ही गाड़ी का तेल खत्म हो गया. इसके 45 मिनट बाद एक और एंबुलेंस मौके पर पहुंची, मगर उसी बीच महिला की मौत हो गई.

महिला के पति चित्तरंजन मुंडा ने कहा

एंबुलेंस का तेल खत्म हो गया था, जिसके बाद आशा कार्यकर्ता ने दूसरी एंबुलेंस के लिए फोन किया. तब तक लगभग एक घंटा बीत चुका था. जब हम अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने मेरी पत्नी को मृत घोषित कर दिया.

मयूरभंज के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी प्रदीप महापात्रा ने कहा, "इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में मुझे आज पता चला. एंबुलेंस के ड्राइवर के अनुसार, गाड़ी का तेल पाइप बीच में ही लीक हो गया. मैं हालांकि इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करूंगा."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हालात बदतर हैं, करें तो करें क्या?

ये देशभर के कई राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाजुक हालात को ही दिखाता है. नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि भारत के 21 बड़े राज्यों में से नौ ने अपने स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रदर्शन में गिरावट देखी है और इनमें से पांच देश के सबसे गरीब राज्य में से हैं. बिहार में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है.ये जो गिरावट दर्ज की गई है, इसमें नवजात और कम उम्र की मृत्यु दर, अस्पतालों में प्रसव की सुविधाएं, जन्म के समय लिंग अनुपात जैसे इंडीकेटर हैं.

इंडेक्स में कौन कहां पर?

25 जून, 2019 को नीति आयोग की तरफ से हेल्दी स्टेट प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट जारी किया गया. जिसमें 2015-16 और 2017-18 के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में राज्यों के प्रदर्शन की तुलना की गई थी. एक इंडेक्स तैयार कर रैंकिंग की गई, जिसमें केरल का इंडेक्स स्कोर सबसे ज्यादा (74.01) था, मतलब कि यहां स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बाकी राज्यों की तुलना में बेहतर है.

दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश (65.13) है, हालांकि ऊपर जिस वीडियो की बात की जा रही है वो आंध्र प्रदेश का ही है. तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (63.99) का स्थान रहा. यूपी का सबसे कम स्कोर (28.61), उसके बाद बिहार (32.11) और ओडिशा (35.97) का स्थान रहा.

सात राज्यों में स्कोर में सुधार देखा गया, जबकि नौ राज्यों में गिरावट देखी गई. इनमें से 5 - बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और मध्य प्रदेश - जैसा कि हमने कहा, भारत के सबसे गरीब राज्यों में से हैं. राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ के साथ, जिन्होंने अपने हेल्थ इंडेक्श के अंकों में सुधार किया, ये राज्य एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) बनाते हैं. 2017-18 में हरियाणा ने अपने इंडेक्स में सबसे अधिक सुधार देखा, जबकि बिहार में सबसे अधिक गिरावट देखी गई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT