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दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को पाकिस्तानी उच्चायुक्त के अफसर मुहम्मद अख्तर को जासूसी करने के आरोप में हिरासत में लेकर रिहा कर दिया है.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि मुहम्मद अख्तर पहले पाकिस्तानी आर्मी के बलोच रेजिमेंट में हवलदार था. इसके बाद अख्तर ने ISI के लिए काम किया. फिलहाल वह अभी पाकिस्तान उच्चायुक्त के वीजा डिपार्टमेंट में काम कर रहा था.
मुहम्मद अख्तर के पास से पुलिस को फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ है.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दो भारतीय जासूसों को गिरफ्तार किया है. इनके नाम रमजान और सुभाष हैं. पुलिस को आईबी ने सूचना दी थी, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है.
आरोप है कि पिछले 1.5 साल से अख्तर सेना के संपर्क में आकर गुप्त जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस को मौके पर कई वीजा कागजात और बीएसएफ तैनाती से जुड़े मैप हाथ लगे हैं.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, पाक के लिए जासूसी कर रहे जोधपुर के निवासी शोएब को गिरफ्तार करना अभी बाकी है. कार्यवाई चल रही है, जल्द ही शोएब को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
वहीं मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर ने भी कड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के भारत में उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर दिया है. यह एक्शन पाक की तरफ से लगातार किए जा रहे सीजफायर के उल्लघंन के मद्देनजर लिया गया है.
तलब करते हुए अब्दुल बासित को सुबह 11.30 बजे हाजिर होने का आदेश दिया भी था. अब्दुल बासित तय समय पर मंत्रालय पहुंच गए.
पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने मुहम्मद अख्तर को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया और जासूसी मामले में भारत सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा, यह वियना समझौते का उल्लंघन है, पाकिस्तानी उच्चायुक्त किसी भी जासूसी गतिविधि में इंवॉल्व नहीं है. इसके अलावा अब्दुल ने भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो.
उरी हमले के बाद भारत-पाक के रिश्तें बिल्कुल ठीक नहीं है. उरी हमले का भारत ने पाक को जवाब देते हुए पीओके में घुसकर कई आतंकियों को मार गिराया था. उसके बाद से पाक लगातार हर दिन सीमा पर गोलीबारी कर रहा है.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान लगभग 40 बार सीजफायर का उल्लघंन कर चुका है.
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