Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नागरिकता बिल पर अमेरिका से नहीं हुई कोई बात, ये आंतरिक मामला: भारत

नागरिकता बिल पर अमेरिका से नहीं हुई कोई बात, ये आंतरिक मामला: भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका को CAA से दूर रहने को कहा है

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
रवीश कुमार, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
i
रवीश कुमार, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय
(फोटोः ANI)

advertisement

अमेरिका, वाशिंगटन डीसी में 2+2 डायलॉग के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत में लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम का मुद्दा उठाया था. इस पर अब भारत की तरफ से जवाब आया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस मसले पर अमेरिका से कोई बातचीत नहीं हुई है. यह भारत का आंतरिक मामला है. वहीं उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज कर दिया.

‘हम बार बार कह रहे हैं कि पाकिस्तान को अपने अंदर झांकना चाहिए. उन्हें पड़ोसी देश के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान को एक सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार करना चाहिए.’
रवीश कुमार, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय

रवीश कुमार ने पाकिस्तान और अमेरिका दोनों को साफतौर पर कहा कि ‘नागरिकता अधिनियम देश का आंतरिक मामला है. इसके लिए हमारा लोकतंत्र और संस्थाएं किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से परिपूर्ण है.’

बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था,

इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर भारत के नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाएगा. यह कानून मोदी सरकार की ‘हिन्दुत्व’ विचारधारा को बेनकाब करता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बांग्लादेश के साथ बैठकें स्थगित

बांग्लादेश के साथ भारत के कुछ द्विपक्षीय बैठकें स्थगित और हाल में हुए घटनाक्रम के बारे में सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, बांग्लादेश के साथ बैठकों को पुनर्निर्धारित करने के अधिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. उन्होंने कहा, दोनों देशों के बीच बैठकें रद्द होने पर कई बयान आए हैं, लेकिन उन्हें समझने की जरूरत है कि दोनों देशों के बीच संवाद के 75 तरीके हैं. बैठकों की तारीख आपसी सहमति पर तय की जाती है.

अफगानिस्तान रख रहा है अल्पसंख्यकों का खयाल

अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, वहां की वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों के हितों का अपने संविधान के अनुसार ख्याल रखा है. पूर्व की मुजाहिदीन और तालिबान प्रशासन के दौरान अल्पसंख्यकों की समस्या का सामना करना पड़ा था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT