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लद्दाख पर भारत की दो टूक-आंतरिक मसलों पर टिप्पणी का चीन को हक नहीं

राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सीमा के पास 44 पुलों का उद्घाटन किया. इनमें से ज्यादातर पुल सेना के लिए काफी मददगार हैं

क्विंट हिंदी
भारत
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प्रतीकात्मक तस्वीर
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प्रतीकात्मक तस्वीर
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भारत के अभिन्न अंग हैं और हमेशा हैं. चीन के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का हक नहीं हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ये जवाब चीन के उस बयान पर दिया है जिसमें चीन ने कहा था कि भारत ने लद्दाख को अवैध तरीके से केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया है.

15 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भी भारत का अभिन्न अंग है और इस फैक्ट को भी कई स्तरों पर कई बार चीनी पक्ष को साफ तौर पर बताया जा चुका है.

गैर कानूनी तरीके से लद्दाख बनाया गया केंद्र शासित प्रदेश- चीन

बता दें कि हाल ही में चीन ने कहा था कि भारत ने लद्दाख को गैरकानूनी तरीके से केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया है, साथ ही चीन ने लद्दाख में निर्माण को लेकर भी विरोध जताया. दरअसल, लद्दाख इलाके में भारत की तरफ से भी अपनी स्थिति मजबूत की जा रही है. इसी क्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सीमा के पास 44 पुलों का उद्घाटन किया. इनमें से ज्यादातर पुल भारतीय सेना के लिए काफी मददगार हैं और चीन-पाकिस्तान की सीमा के पास हैं. इसीलिए अब चीन एक बार फिर तिलमिला उठा है और उसने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख पर ही सवाल खड़े कर रहा है.

सीमावर्ती इलाकों में विकास भारत की जरूरत: MEA

चीन के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया था कि सीमा पर तैयार होने वाला इंफ्रास्ट्रक्चर ही दोनों देशों के बीच जारी तनाव का असली कारण है. इसी दौरान चीनी प्रवक्ता ने भारत की तरफ से तैयार किए गए पुलों का भी जिक्र किया. इस बयान में अरुणाचल के अलावा चीन ने लद्दाख को भी विवादित करार देने की कोशिश की.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश की सुरक्षा और रणनीतिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार बॉर्डर वाले इलाकों में आर्थिक विकास पर खास ध्यान दे रही है. सरकार का ध्यान इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, लोगों की जिंदगी संवारने और आर्थिक तौर पर उन्हें मजबूत बनाने पर है.

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