advertisement
मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर अनशन पर बैठीं सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से हटाया. बता दें कि नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और 11 दूसरे कार्यकर्ताओं के अनिश्चितकालीन उपवास का सोमवार को 12वां दिन था
मेधा और उनके साथी सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले लोगों के हक की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है.
पूर्ण पुनर्वास यानी इस इलाके के हर एक शख्स का जब तक पुनर्वास न हो जाए तब तक के लिए विस्थापन को रोकने की मांग को लेकर 27 जुलाई से ही मेधा और उनके सहयोगी उपवास पर हैं.
ये उपवास मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखिल्दा में ये उपवास चल रहा है, जिसे कई पार्टियों से लेकर सामाजिक संगठनों का साथ भी मिल रहा है. नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अमूल्य निधि ने बताया,
मेधा की बिगड़ती तबीयत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चिंता जता चुके हैं और उनसे उपवास खत्म करने का आग्रह कर चुके हैं. उन्होंने इंदौर के प्रभारी संजय दुबे, अपर सचिव चंद्रशेखर बोरकर के साथ भय्यूजी महाराज को शनिवार को मेधा से संपर्क करने भेजा था, मगर बात नहीं बनी.
बता दें कि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर किए जाने से मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांव और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक पूर्ण पुनर्वास के बाद ही विस्थापन और बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्देश दिया था. जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही हैं, वहां के हालत रहने लायक नहीं हैं.
मेधा की मांग है किे सरदार सरोवर के जो गेट बंद किए गए हैं, उन्हें खोला जाए, पूर्ण पुनर्वास हो, उसके बाद ही विस्थापन किया जाए. इसके लिए सरकार सीधे बातचीत करे.
(हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)