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Meghalaya: भीड़ ने CM कार्यालय पर की पत्थरबाजी, 5 सुरक्षा कर्मी घायल

Meghalaya CM Office Attacked: मेघालय सरकार घटना में घायल हुए कर्मी के इलाज के लिए 50,000 रुपये देगी.

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<div class="paragraphs"><p>Meghalaya: भीड़ ने CM कार्यालय पर की पत्थरबाजी</p></div>
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Meghalaya: भीड़ ने CM कार्यालय पर की पत्थरबाजी

(फोटो- स्क्रीनशॉर्ट)

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मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा के कार्यालय पर सोमवार, 24 जुलाई की रात हुए भीड़ के हमले में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं. राहत की बात है कि सीएम संगमा सुरक्षित हैं. गारो हिल्स स्थित नागरिक समाज समूह तुरा में शीतकालीन राजधानी की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं. हमले के ठीक पहले सीएम कॉनराड संगमा इन्हीं प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे थे. घटना के बाद तुरा में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है.

आखिर हुआ क्या?

मुख्यमंत्री ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा गारो-हिल्स स्थित आंदोलनकारी संगठनों के साथ चर्चा कर रहे थे जो तुरा में शीतकालीन राजधानी बनाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर हैं.

"इस बीच, तुरा में सीएमओ पर भीड़ (आंदोलनकारी समूहों के अलावा) एकत्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए. सीएम और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) मंत्री सीएमओ तुरा में मामले की निगरानी कर रहे हैं. हंगामा अभी भी जारी है"
मुख्यमंत्री ऑफिस

इसके अलावा, मेघालय सरकार ने घोषणा की है कि वह घटना में घायल हुए कर्मी के इलाज के लिए 50,000 रुपये देगी.

सीएम कॉनराड संगमा ने क्या बताया?

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार सीएम संगमा ने एक वीडिय में बताय है, "चर्चा चल रही थी, हम सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मामले पर आगे चर्चा करने के लिए शिलांग में मिलने के लिए पहले ही सहमत हो चुके थे और एनजीओ कमोबेश संतुष्ट दिख रहे थे. समाज और एनजीओ के अधिकांश लोग इस भूख हड़ताल का हिस्सा नहीं थे, उनमें से केवल दो-तीन ही वहां थे. 90 प्रतिशत संगठन इसका हिस्सा नहीं थे."

"फिर भी, मेरा मानना ​​है कि बातचीत महत्वपूर्ण है. इसलिए, मैंने उनसे मिलने का निश्चय किया. चर्चा लगभग समाप्त होने के बाद, हमने बाहर से नारेबाज़ी सुनी. मैंने उनसे कहा कि वे यहां कोई माहौल न बनाएं. उनके नेता (बातचीत में शामिल गैर सरकारी संगठनों के) लोगों से बात करने के लिए बाहर गए. वे वापस आए और कहा कि उन्हें नहीं पता कि ये लोग कौन थे, उन्होंने उन्हें भूख हड़ताल के दौरान पहले कभी नहीं देखा था."
सीएम संगमा

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