advertisement
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 6 जुलाई को कहा है कि वो परिसीमन की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी. बता दें कि परिसीमन की प्रक्रिया के लिए राजनीतिक दलों से चर्चा करने परिसीमन कमीशन 4 दिन के दौरे पर श्रीनगर में है. पीडीपी नेता इस कमीशन से मुलाकात नहीं करेंगे. गुपकार गठबंधन के नेताओं ने पहले भी कहा है कि चुनाव कराने से पहले जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.
लेटर में पीडीपी के महासचिव गुलाम बनी लोन ने कहा है कि - '5 अगस्त 2019 को असंवैधानिक तरीके से आर्टिकल 370 और 35A के के हटाए जाने से जम्मू कश्मीर के लोग अपमानित और नीचा महसूस कर रहे हैं.'
परिसीमन (Delimitation) का सामान्य अर्थ है किसी राज्य/UT में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण करना. इसमें प्रक्रिया में लोकसभा या विधानसभा की सीटों की सीमाओं का पुनर्निधारण किया जाता है.
6 मार्च 2020 को जम्मू-कश्मीर के साथ साथ चार पूर्वोत्तर राज्यों-असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग का गठन किया गया. यह आजादी के बाद गठित पांचवा परिसीमन आयोग है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)