Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019स्पर्म काउंट में गिरावट की क्या वजह? एक्सपर्ट से जानें, फर्टिलिटी बढाने के टिप्स

स्पर्म काउंट में गिरावट की क्या वजह? एक्सपर्ट से जानें, फर्टिलिटी बढाने के टिप्स

पुरुषों को उनके स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाने और उनकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में सहायता करतीं ये लाइफस्टाइल आदतें

अश्लेषा ठाकुर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Men's Health Awareness Month 2023: पुरुष अपने स्पर्म की क्वालिटी बनाए रखने के लिए क्या करें?</p></div>
i

Men's Health Awareness Month 2023: पुरुष अपने स्पर्म की क्वालिटी बनाए रखने के लिए क्या करें?

(फोटो:iStock)

advertisement

Men's Health Awareness Month 2023: स्पर्म यानी शुक्राणु की गुणवत्ता मेल फर्टिलिटी का एक महत्वपूर्ण सूचक (indicator) है. स्पर्म कॉन्संट्रेशन, स्पर्म मोर्फोलॉजी और स्पर्म मोटिलिटी जैसे कारक इसमें शामिल होते हैं. हाल में किया गया रिसर्च एक कपल की प्रजनन यात्रा में स्पर्म के महत्व पर प्रकाश डालता है और स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए एहतियाती उपाय के महत्व पर जोर देता है. स्टडी और विशेषज्ञों की रिसर्च बताती हैं कि पिछले चार दशकों में ह्यूमन स्पर्म की क्वालिटी में लगभग 50% से 60% तक की गिरावट आई है और हाई फैट डाइट), डायबिटीज और मोटापा इस गिरावट का प्रमुख कारण हैं.

फिट हिंदी को नोएडा, नोवा साउथेंड आईवीएफ एंड फर्टिलिटी की कंसल्टेंट और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. पारूल गुप्ता खन्ना ने कुछ आसान, लेकिन बेहद असरदार लाइफस्टाइल विकल्प बताए, जो पुरुषों को उनके स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाने और उनकी फर्टिलिटी को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं.

शराब का सेवन और धूम्रपान सीमित करें : बहुत ज्यादा धूम्रपान या शराब का सेवन करने से स्पर्म की गुणवत्ता घट सकती है और इससे बांझपन यानी प्रजनन क्षमता में कमी (इन्फर्टिलिटी) की आशंका बढ़ जाती है. लगातार अधिक मात्रा में शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन स्तर में कमी की आशंका होती है और इस वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) और स्पर्म उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. वहीं दूसरी ओर, तंबाकू का इस्तेमाल स्पर्म कॉन्संट्रेशन (शुक्राणु सांद्रता) में कमी, गतिशीलता विकार और स्पर्म में डीएनए क्षति से जुड़ा हुआ है.   

(फोटो:iStock)

डिजिटल स्वास्थ्य: आज की टेक्‍नोलॉजी से चलने वाली दुनिया में डिजिटल स्वास्थ्य की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. इसका मतलब है मोबाइल, लैपटॉप, गेमिंग डिवाइस जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के संपर्क में कमी. हाल ही में किए गए स्टडी से यह संकेत मिले हैं कि पैंट की जेब में रखे मोबाइल फोन के वाई-फाई सिग्नल से स्पर्म मोटिलिटी (शुक्राणु गतिशीलता) और गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ता है. इसके अलावा, स्मार्टफोन से निकलने वाला नीला प्रकाश हमारे शरीर के मेलेटोनिन के प्राकृतिक उत्पादन में भी रुकावट ला सकता है. मेलेटोनिन गर्मी के कारण होने वाले ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से स्पर्म की रक्षा करता है, जिसके कारण स्पर्म उत्पादन में कमी होती है.

(फोटो:iStock)

एक्सरसाइज: जब आप माता-पिता बनने की यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो शारीरिक फिटनेस हासिल करना और उसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है. किसी भी व्यक्ति की फर्टिलिटी में एक्सरसाइज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आज की खराब लाइफस्टाइल में हर दिन 30-मिनिट तेज चलने का व्यायाम प्रजनन दर में सुधार लाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है. हालांकि, यह नोट करना महत्वपूर्ण है कि अत्यधिक व्यायाम और मांसपेशी बनाने के व्यायाम (मसल बिल्डिंग वर्कआउट) से स्पर्म की गुणवत्ता पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है.

(फोटो:iStock)

स्वच्छता की आदतें: हाइजीन बनाए रखना रीप्रोडक्टिव हेल्थ को बेहतर बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण पहलू है. एक्सपर्ट के अनुसार, पुरूषों के जननांग वाला भाग शरीर के बाहर की ओर होता है ताकि स्पर्म उत्पादन बढ़ाने के लिए एक अधिक ठंडा तापमान बनाए रखा जा सके और इसलिए हाइजीन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है. टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद हाथ अच्छी तरह साफ करना, जननांग के भाग को साफ रखना और साफ और सांस लेने योग्य अंडरवियर पहनने जैसी अच्छी व्यक्तिगत हाइजीन से जुड़ी आदतों को प्रोत्साहन देना चाहिए. बीमारी और इन्फेक्शन को रोकने के लिए कम उम्र से ही पुरुषों में इसकी आदतें डालनी चाहिए.

(फोटो:iStock)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

स्वस्थ बीएमआई: बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) एक ऐसा मापन है, जो आपकी ऊंचाई और वजन के बीच के संबंध का मूल्यांकन करता है और यह दर्शाता है कि आपका वजन गर्भधारण के लिए एक स्वस्थ सीमा के भीतर है या नहीं. अगर आपका वजन ज्यादा है या आपको मोटापा है, तो इसका नेगेटिव असर आपके स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा दोनों पर पड़ सकता है और हो सकता है इसका परिणाम फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं के तौर पर सामने आए. 

(फोटो:iStock)

टेस्टोस्टेरोन थेरेपी से दूर रहें: बार-बार टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के कारण  शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पादित होने वाले टेस्टोस्टेरोन में रुकावट आ सकती है. हालांकि फर्टिलिटी के साथ कोई भी समझौता किए बिना टेस्टोस्टेरोन स्तर में वृद्धि करने के लिए प्राकृतिक और चिकित्सकीय दोनों तरीके उपलब्ध हैं. किसी भी तरह के लक्षण समाने आने पर एक्सपर्ट से सलाह लें.

(फोटो:iStock)

पर्याप्त नींद सुनिश्चित करना: एक अच्छे रीप्रोडक्टिव हेल्थ को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरुरी है. ऐसे पुरुष जो पिता बनने की इच्छा रखते हैं, उन्हें गर्भधारण की संभावना में वृद्धि करने के लिए कम से कम 7 घंटों की नींद लेनी चाहिए. 

(फोटो:iStock)

यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से बचें: एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियंसी वायरस), सिफेलिस, क्लेमाइडिया और हर्पीज जैसे यौन संचारित रोग (STIs) का पुरूष फर्टिलिटी पर हानिकारक प्रभाव हो सकता है. क्योंकि वर्तमान में इन रोगों के लिए कोई वैक्‍सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसकी रोकथाम करना, बचाव के लिए महत्वपूर्ण है. एसटीडी को फैलने से रोकने के लिए गर्भनिरोधक के उपयोग को प्रोत्साहन देना और सुरक्षित सेक्स के तरीके सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण उपाय है.  

(फोटो:iStock)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT