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गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली में जारी पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर केंद्र सरकार बारीकी से नजर रख रहा है. बता दें, दिल्ली में पुलिसकर्मी और उनके परिवार तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुए टकराव मामले में न्याय की मांग कर रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिल्ली पुलिस से शनिवार को तीस हजारी कोर्ट परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुई झड़प की रिपोर्ट मिली है. इस टकराव में कम से कम 20 सुरक्षाकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे.
जांच का आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने रविवार को दिया था और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश की जानी है.
दिल्ली पुलिस की तथ्यात्मक रिपोर्ट को तीस हजारी कोर्ट की घटना का विवरण शामिल करते हुए पेश किया गया था.
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि यह एक तथ्यात्मक रिपोर्ट है, जिसमें दिल्ली पुलिस ने शनिवार की घटना के बाद की परिस्थितियों और उसके बाद की गई कार्रवाई का विवरण दिया है.
उन्होंने बताया, ‘हालांकि, रिपोर्ट में यह नहीं लिखा गया है कि शनिवार के बाद क्या हुआ? सोमवार की उस घटना का भी जिक्र नहीं है, जिसमें वकीलों के एक समूह ने साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की थी.’
मंगलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सैकड़ों पुलिस कर्मचारियों ने इन घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों ने अपने हाथ में तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जिन पर लिखा था कि "पुलिस वर्दी में हम भी इंसान हैं" और "प्रोटेक्ट्स प्रोटेक्शन प्रोटेक्शन". प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर दिनभर जमा रहे. इस दौरान प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी अपने वरिष्ठों से वर्दी का सम्मान बचाने के लिए उनके साथ खड़े होने की अपील करते रहे.
विरोध प्रदर्शन में पुलिसकर्मियों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने प्रदर्शनकारी पुलिस कर्मियों से काम पर लौटने की अपील की. उन्होंने कहा कि उन्हें "अनुशासित बल" की तरह व्यवहार करना चाहिए.
पटनायक ने पुलिस कर्मियों से कहा-
अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, दिल्ली पुलिस के बड़े अफसरों के आश्वासन के बाद पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन खत्म हो गया है. प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी पुलिस मुख्यालय के बाहर से चले गए हैं. पुलिस अफसरों का कहना है कि प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने अपना धरना खत्म कर दिया है.
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