advertisement
घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'कू' ने टाइगर ग्लोबल के नेतृत्व में सीरीज बी फंडिंग के जरिए 30 मिलियन (3 करोड़) डॉलर जुटाए हैं. ये खबर ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ रहा है. 'कू' ने केवल एक साल के संचालन में लगभग 60 लाख डाउनलोड पाए हैं.
कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, "अगले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक के रूप में विकसित होने की हमारी आक्रामक योजना है. हर भारतीय हमें वहां जल्द पहुंचने के लिए उत्साहित कर रहे है. टाइगर ग्लोबल इस सपने को साकार करने के लिए सही भागीदार है."
कू के मौजूदा निवेशक एक्सेल पार्टनर्स, कलारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्स और ड्रीम इनक्यूबेटर ने भी निवेश के इस दौर में भाग लिया. कंपनी ने सूचित किया कि आईआईएफएल और मिराए एसेट्स अन्य नए निवेशक हैं, जो इस दौर के साथ कैप टेबल पर आए.
कू ने इस महीने की शुरूआत में एक अनूठी विशेषता शुरू करने की घोषणा की, जो उपयोगकतार्ओं को अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में कीबोर्ड का उपयोग किए बिना बोलने और संदेश लिखने में मदद करेगी.
'टॉक टू टाइप' नाम से ये फीचर कू यूजर्स को अपने विचार रखने में मदद करेगा और एक बटन के क्लिक पर शब्द स्क्रीन पर दिखाई देंगे.
कू को ऐसे समय में 3 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिली है, जब केंद्र सरकार और पारंपरिक सोशल मीडिया जायंट्स के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. खासकर ये तनाव ट्विटर के साथ ज्यादा है.
एक कथित 'COVID टूलकिट' मामले में दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भी दिया था. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए 'COVID टूलकिट' इस्तेमाल कर रही है.
ट्विटर ने पात्रा के इस ट्वीट को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' का टैग दिया था. दिल्ली पुलिस ने सोशल प्लेटफॉर्म को नोटिस भेजकर इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)