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विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को कहा कि विदेशी दौरे से लौटने के बाद एम जे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री के तौर पर सोमवार और मंगलवार को आधिकारिक बैठकों में हिस्सा लिया. ये इस मुद्दे पर मंत्रालय की तरफ से की गई पहली टिप्पणी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें एम जे अकबर पर लगाए गए आरोपों को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके बीच किसी खास बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
कई महिला पत्रकारों ने पूर्व पत्रकार और केंद्रीय मंत्री अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. बढ़ते दबाव को देखते हुए विदेश राज्य मंत्री ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. भारत में MeToo कैंपेन के तहत जिस वक्त अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगे उस वक्त वो अफ्रीका के दौरे पर थे.
ये पूछे जाने पर कि इस्तीफा देने का फैसला उनका अपना था या फिर स्वराज या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस्तीफा देने के लिये कहा था, कुमार ने सिर्फ कहा, ‘‘मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने एक बयान भी दिया है और मुझे लगता है कि इससे ज्यादा कहने के लिये मेरे पास कुछ नहीं है.''
कुमार ने कहा, ‘‘जहां तक बैठक का सवाल है, मैं आपके साथ सिर्फ यह साझा कर सकता हूं कि भारत लौटने के बाद, सोमवार और मंगलवार को विदेश मंत्रालय में कुछ आधिकारिक बैठक थीं. वो उन बैठकों का हिस्सा थे. लेकिन इस मामले को लेकर विदेश मंत्री और विदेश राज्य मंत्री के बीच हुई किसी खास मुलाकात के बारे में मुझे जानकारी नहीं है.'' उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या अकबर से इस्तीफा देने को कहा गया था.
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