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जर्नलिस्ट प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर के मानहानि के मुकदमे मामले की सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई. दिल्ली ट्रायल कोर्ट 17 फरवरी को इस मामले में फैसला सुनाएगा.
Live Law के मुताबिक, कोर्ट ने ये कहते हुए सुनवाई को स्थगित कर दिया कि रिटन सबमिशन देर से सबमिट किए गए थे.
इस मामले में प्रिया रमानी को सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन प्रेजेंट कर रही हैं. वहीं, सीनियर वकील गीता लूथरा अकबर की तरफ से ये केस लड़ रही हैं.
जर्नलिस्ट प्रिया रमानी ने साल 2018 में #MeToo मूवमेंट के दौरान अकबर पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था. रमानी ने 2017 में वोग मैगजीन के लिए एक आर्टिकल लिखा था, जिसमें उन्होंने पूर्व बॉस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था. रमानी ने अपने आर्टिकल में लिखा था कि कैसे शख्स ने इंटरव्यू के दौरान उन्हें असहज महसूस कराया था.
वोग के आर्टिकल के एक साल बाद, साल 2018 में #MeToo मूवमेंट के दौरान, रमानी ने खुलासा किया था कि उनके पूर्व बॉस एमजे अकबर थे. घटना तब की है जब एमजे अकबर द एशियन ऐज के एडिटर थे. प्रिया रमानी ने साल 1994 में जनवरी से अक्टूबर इस कंपनी में काम किया था.
आरोपों से इनकार करते हुए एमजे अकबर ने रमानी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी के अपमानजनक बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और लोगों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.
सेक्शुअल हैरेसमेंट लगने के बाद एमजे अकबर ने केंद्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था. अकबर विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री थे.
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