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ऐसा टशन, जिसमें पहले से गंदी राजनीति और भी गंदी हो जाती है. हम आस लगाए बैठते हैं कि राजनीति के कीचड़ में फूल खिलेगा. लेकिन जेल वैन का दरवाजा खुलता है, कड़कदार सूट-बूट में हत्या, बलात्कार, गुंडागर्दी और फिरौती के दाग अपने दामन पर लिए ये विधायक एंट्री मारते हैं. और हमारे कीचड़ में कमल वाले सपने पर पानी फिर जाता है.
हम आपके लिए लेकर आए हैं दो तस्वीरें. पहली तस्वीर एकदम फ्रेश है, ठीक उतनी ही जैसे कि इनके कपड़ों से ये खुद नजर आ रहे हैं. दामन दाग के बोझ तले दबा है लेकिन सर से पांव तक सफेदी की चमक बरकरार है. ये जनाब बिहार में अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं.
बिहार में सरकार किसी की भी हो लेकिन मोकामा इलाके में हुकूमत केवल अनंत सिंह की ही चलती है. साल 2005 में मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर अनंत सिंह पहली बार विधानसभा पहुंचे थे.
जुर्म की दुनिया से अनंत का नाता काफी पुराना है. लेकिन सरकार के दवाब के चलते पुलिस भी कभी अनंत सिंह पर हाथ नहीं डाल सकी. साल 2007 में उनपर एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप भी लगा. इस मामले के तूल पकड़ने पर अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई. बिहार में सुशासन बाबू के नाम से चर्चित नीतीश कुमार की सरकार बनी तो उनके इस चहेते नेता को भी जेल जाना पड़ा. फिलहाल अनंत सिंह जेल में हैं, लेकिन जेल के अंदर से भी मोकामा में अनंत का आतंक कायम है.
राजनीति के दामन को दागदार करने वाली ये दूसरी तस्वीर थोड़ी पुरानी है. लेकिन तस्वीर में नजर आ रहे शख्स का टशन पहले तस्वीर वाले शख्स के मुकाबले का ही है. दरअसल, ये तस्वीर यूपी के मऊ से विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी की है.
बीती साल 21 दिसंबर को यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के मौके पर हत्या, अपहरण और फिरौती जैसे संगीन अपराधों में यूपी की आगरा जेल में कैद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी लखनऊ विधानसभा पहुंचे. अंसारी को कॉरपोरेट स्टाइल में सूट-बूट पहने और हाथ में स्टाइलिश बैग पकड़े पूर्वांचल के डॉन के ये तेवर देखकर हर कोई हैरान रह गया.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाहुबली की छवि रखने वाले मुख्तार अंसारी साल 1996 से लगातार मऊ सीट से विधायक चुने जा रहे हैं. वहीं बिहार में छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह साल 2005 से लगातार विधायक हैं.
राजनीति में अच्छे जनप्रतिनिधियों के आने को लेकर लंबे समय से बहस चली आ रही है. कहने को देश में लोकतंत्र है और देश का हर नागरिक अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए भी स्वतंत्र है. लेकिन दागी छवि वाले इस तरह के नेता किस तरह से चुनाव जीतकर सालों-साल से अपनी सीट पर बादशाहत बरकरार रखे हुए हैं ये सोचने का विषय है.
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