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लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी भारी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई है.लेकिन पिछले पांच साल के मुकाबले आने वाले पांच साल मोदी सरकार के लिए काफी चैलेंजिंग साबित होने वाले हैं. मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को रफ्तार दिलाने की होगी. इकनॉमी के हालात अच्छे नहीं है. खपत घट रही है. मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार रुकी हुई है. मांग घट रही है और बैंकिंग और नॉन बैकिंग फाइनेंस सेक्टर को बड़े सुधारों की जरूरत है. अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकार को कुछ बड़े कदम उठाने होंगे. ये हैं-
सार्वजनिक संपत्तियों (पब्लिक असेट्स) जैसे रेल ट्रैक, रोड, पोर्ट और पॉवर यूनिट का सही इस्तेमाल कर पब्लिक इनवेस्टमेंट के लिए फंड जुटाया जा सकता है.
सरकार को जल्दी से एक सेलऑफ प्रोग्राम तैयार करना होगा. सभी नॉन स्ट्रेटजिक पब्लिक इंटरप्राइजेज से सरकार को बाहर निकलना होगा और उसका घाटा कम करना होगा. साथ ही कर्मचारियों को आसानी से वीआरएस देना होगा.
सरकारी बॉन्ड का इस्तेमाल करते हुए नकदी की तंगी से जूझ रही गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की संपत्ति खरीदी जाए. इसका इस्तेमाल इस तरह की अन्य कंपनियों के लिए संसाधन जुटाने में हो सके.
सरकार को पांच बड़े बैंक बनाने की जरूरत है. इस तरह के पांच बड़े बैंकों को बनाने के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंकों को एक दूसरे में मर्ज करने और उनकी जरूरत के मुताबिक फंड रिलीज करना होगा.
बैंकिंग घोटालों से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है. इसके लिए 2016 मे इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) कानून लाया गया. लेकिन इसमें कई पेच हैं. इसे ठीक करने की जरूरत है. अब इस मामले में रिजर्व बैंक के 12 फरवरी को जारी सर्कुलर को जल्द से जल्द अपडेट किया जाना चाहिए
जीएसटी को सरल बनाना काफी जरूरी है. जीएसटी के दो रेट 18% और 28% ही रखे जाने चाहिए.
अर्थव्यवस्था के लिए माइनिंग सेक्टर की मौजूदा हालत में सुधार जरूरी है. कोयला और लोहे की माइनिंग में आने वाली परेशानियों को दूर करना होगा.
सरकार के लिए नए शहर बसाने के साथ पुराने शहरों का री-डेवलेपमेंट और रियल स्टेट सेक्टर की परेशानियों को हल करना भी जरूरी है. रोजगार बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर को रफ्तार देना बेहद जरूरी है.
देश में मेगा इंडस्ट्रियल जोन बनाने की जरूरत है. साथ ही श्रम कानूनों में सुधार करने और जमीन अधिग्रहण कानून को सरल बनाना होगा. ताकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत हो.
किसानों की पैदावार सही कीमत पर बिके इसके पूरे इंतजाम हो. हमें जीएम फसलों को हरी झंडी देनी होगी और नकदी फसलों को बढ़ावा देना होगा.
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