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केंद्र सरकार ने पशु बाजार में बूचड़खानों के लिए जानवरों को खरीदने और बेचने पर रोक लगा दी है. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को बताया कि पशुबाजार में जानवर खरीदने और बेचने वालों को ये सुनिश्चित करना होगा कि जानवरों को कत्ल करने के मकसद से नहीं खरीदा जा रहा है.
पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई किया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि नए नियम बहुत साफ हैं और इसका उद्देश्य पशु बाजारों और गोवंशीय पशुओं की बिक्री को रेगुलेट करना है. साथ ही जानवरों के खिलाफ क्रूरता को रोकना है.
इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने इस नोटिफिकेशन का विरोध किया है.
आल इंडिया मीट एंड लाइवस्टाक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन को सरकार का यह फैसला रास नहीं आ रहा है. एसोसिएशन का दावा है कि इस कदम से उन किसानों पर असर पड़ेगा जो दूध ना देने वाले जानवर बिक्री के लिए लाते हैं.
एसोसिएशन के प्रवक्ता फौजान अलवी ने कहा कि एक भैंस पर हर दिन का खर्च लगभग डेढ़ सौ रुपये आता है जबकि दूध का मूल्य करीब 40 रुपये प्रति लीटर है. अगर रोजाना का दुग्ध उत्पादन घटता है तो धीरे धीरे पशु अनुत्पादक हो जाता है.
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