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'एक राष्ट्र, एक भाषा' को लेकर चल रहे विवाद पर सरकार ने संसद में सफाई दी है. सरकार ने कहा है कि इस तरह के किसी भी प्रावधान पर विचार नहीं किया जा रहा है. सरकार ने कहा कि संविधान में सभी भाषाएं समान हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश का संविधान सभी भाषाओं को एक समान मानता है और एक राष्ट्र, एक भाषा जैसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं चल रहा है.
बता दें, ‘एक राष्ट्र-एक भाषा’ की बहस गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद शुरू हुई थी, जिसमें उन्होंने 'एक राष्ट्र, एक भाषा' की बात करते हुए ‘हिंदी’ को अपनाने पर जोर दिया था. शाह के इस बयान पर खूब बवाल हुआ था. कर्नाटक, तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों ने इसका विरोध किया था.
हालांकि, बाद में गृह मंत्री अमित शाह ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने हिंदी थोपने की बात नहीं की थी. बल्कि ये कहा था कि हमें अपनी मातृभाषा के बाद हिंदी भी सीखनी चाहिए.
बुधवार को संसद में एक सवाल के जवाब में जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश की सभी भाषाओं को संविधान एक समान मानता है. गृह राज्य मंत्री ने कहा, 'भाषाओं का मसला संविधान की अनुसूची में है. इसका पालन केंद्र और राज्य सरकारें करती हैं.' उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से भी अलग-अलग भाषाओं को लेकर अनुदान जारी नहीं किया जाता.
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