advertisement
उर्जित पटेल और रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की मंगलवार को दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात होगी तो दोनों एक दूसरे से क्या शिकायत करेंगे?
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी की स्वायत्त संस्थानों की ऑटोनॉमी से छेड़छाड़ बहुत नुकसान पहुंचाएगी. अब आरबीआई कर्मचारियों के यूनियन ने भी डिप्टी गवर्नर की बातों को सही बताया है.
रिजर्व बैंक गवर्नर और सरकार के बीच क्या मनमुटाव है ये जानने के लिए पढ़ें- उर्जित पटेल ने तो मोदी सरकार को टेंशन दे दी
एजेंसी ने पीएमओ के एक अफसर के हवाले से लिखा है सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. सरकार का मानना है कि मामले को इस तरह से सार्वजनिक नहीं होना चाहिए था. केंद्र सरकार इसलिए भी परेशान है क्योंकि, सरकार को आरबीआई से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य अफसर ने कहा कि सरकार आरबीआई की स्वायत्तता और स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन उन्हें अपनी जिम्मेदारियों से भी वाकिफ होना चाहिए.
शुक्रवार को आरबीआई के डिप्टी गर्वनर डॉ. विरल वी. आचार्य ने स्वायत्त संस्थानों की स्वायत्ता को लेकर सरकार को चेताया था. विरल आचार्य ने कहा कि जो सरकारें केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करती हैं उन्हें वित्तीय बाजार की नाराजगी सहनी पड़ती है.
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि जो सरकार केंद्रीय बैंक को आजादी से काम करने देती हैं, उस सरकार को कम लागत पर उधारी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का प्यार मिलता है. उन्होंने कहा था कि ऐसी सरकार का कार्यकाल भी लंबा रहता है.
आरबीआई के कर्मचारियों ने डिप्टी गर्वनर विरल आचार्य के बयान का समर्थन किया है. आरबीआई की कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया है कि सरकार केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचा रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)