Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चुनाव सुधार के लिए विधेयक ला रही केंद्र सरकार, वोटर आईडी को आधार से जोड़ सकेंगे

चुनाव सुधार के लिए विधेयक ला रही केंद्र सरकार, वोटर आईडी को आधार से जोड़ सकेंगे

संसद के शीतकालीन सत्र में चुनाव सुधार से जुड़ा विधेयक पेश करेगी केंद्र सरकार.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>चुनाव सुधार के लिए बिल ला रही सरकार&nbsp;</p></div>
i

चुनाव सुधार के लिए बिल ला रही सरकार 

फोटो- क्विंट

advertisement

संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में भारत सरकार चुनाव सुधार से जुड़ा अहम बिल लाने जा रही है. बताया जा रहा है कि इस बिल को चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है. चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए 4 बड़े सुधार सरकार करने जा रही है.

आधार वोट आईडी से लिंक करवा सकेंगे

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस बिल में पैन-आधार की तर्ज पर वोटर आईडी को भी आधार से जोड़ने का प्रावधान दिया गया है. हालांकि यह स्वैच्छिक होगा. इस बिल में सुप्रीम कोर्ट के आधार कार्ड से जुड़े राइड टु प्राइवेसी के फैसले का भी ख्याल रखा गया है.

एनडीटीवी ने चुनाव आयोग के हवाले से जानकारी है कि इस जुड़ा पायलट प्रोजेक्ट पहले ही काफी सफल रहा है. चुनाव आयोग का मानना है कि इन सुधारों से लोकतंत्र मजबूत होगा और डुप्लीकेसी की समस्या से निजात मिलेगी.

बिल में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के नियम में भी बदलव करने का प्रवाधान किया गया है, 1 जनवरी से 18 साल के पहली बार वोट करने जा रहे युवा साल में 4 अलग-अलग तारीखों पर मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वा पाएंगे. पहले उन्हें ऐसा करने का साल में एक ही मौका मिलता था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सर्विस ऑफिसर्स के लिए नया नियम

नए सुधार के प्रावधान के तहत सर्विस ऑफिसर के लिए भी जेंडर न्यूट्रल नियम लाया जा रहा है. इसका मतलब है कि राज्य या केंद्र सरकार के तहत आने वाले पुलिसकर्मी, सैनिक और अर्धसैनिक बल आदि जिन्हें सर्विस ऑफिसर कहा जाता है, उनके पति या पत्नी का भी नाम वोटर के तौर दर्ज किया जा सकेगा.

पहले केवल पुरुष सर्विस ऑफिसर की पत्नी का नाम दर्ज करने का तो प्रवाधान था, लेकिन महिला सर्विस ऑफिसर के पति का नाम जुड़वाने का कोई प्रावधान नहीं था.

नए प्रावधान के मुताबिक चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने के लिए अब चुनाव आयोग के पास किसी भी परिसर को अपने कब्जे में लेने की शक्ति होगी. आपको बता दें कि पहले स्कूलों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों को चुनाव के लिए नियंत्रण में लेने पर कई बार विवाद हो चुका है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT