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मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering ) और धन वसूली के आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ ED ने 5 सितंबर को लुक आउट (Lookout Notice) नोटिस जारी कर दिया.
अब लुकआउट नोटिस ने देशमुख की मुश्किलें बढ़ा दी है. अनिल देशमुख तब तक देश नहीं छोड़ पाएंगे जब तक जांच एजेंसी लुक आउट नोटिस को कैंसिल नहीं कर देती या फिर अनिल देशमुख इस नोटिस के साथ 1 साल का समय नहीं काट लेते.
इससे पहले ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए ईडी कम से कम 5 समन भेज चुकि थी, लेकिन देशमुख इसी बात पर अड़े रहे कि उनके खिलाफ यह जांच ठीक नहीं है उन्होंने ईडी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने को कहा था.
ईडी देशमुख और उनके परिवार के आर्थिक लेनदेन की जांच कर रही है. ईडी के चार्जशीट के मुताबिक अनिल देशमुख ने ग्रह मंत्री रहते हुए अलग अलग ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.7 करोड़ रुपये अवैध रूप से वसूले.
इतना ही नहीं, ईडी के अनुसार, देशमुख के परिवार ने 4.18 करोड़ रुपये की अवैध रकम को श्री साई शिक्षण संस्थान ट्रस्ट के जरिए अवैध दिखाने की भी कोशिश की.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद जांच में घिरे अनिल देशमुख ने राहत की उम्मीद लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें इस जांच के खिलाफ कोई राहत नहीं मिली.
सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद देशमुख ने मुंबई हाईकोर्ट में ईडी की जांच को ही खारिज करने की याचिका डाली.
पूर्व मुंबई का पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ जबरन धन वसूली के आरोप लगाए थे. जिसके बाद सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है.
परम वीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मार्च को लिखे अपने के लेटर में कहा था अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों पर 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए दबाव बनाया है. इसके अलावा हर महीने 40 से 50 करोड रुपए मुम्बई के बार और रेस्टोरेंट्स से वसूले जाने थे.
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