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गुजरात (Gujarat) के मोरबी में रविवार 30 अक्टूबर की शाम एक केबल ब्रिज के गिरने (Gujarat Cable Bridge Collapse) से 132 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय दमकल टीमों और स्थानीय गोताखोरों और तैराकों के करीब 200 जवान तलाशी अभियान में लगे हुए हैं.
पीएमओ के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने मोरबी में हुई दुर्घटना के संबंध में गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की. उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल जुटाने की मांग की है. उन्होंने स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने के लिए कहा.
एनडीआरफ के डीजी अतुल करवाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि, "गुजरात के मोरबी शहर में एक दुर्घटना के बाद बचाव अभियान में सहायता के लिए एनडीआरएफ की 3 टीमों को पहले ही भेजा जा चुका है. दो गांधीनगर से और एक बड़ौदा से."
मोरबी केबल पुल गिरने की घटना के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट कर कहा कि, "मैं इस त्रासदी में जान गंवाने वाले नागरिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये देगी."
मोरबी में हुए इस हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट कर घटना पर दुःख जताया है.
इस हादसे के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा कि, "गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है. ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें."
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी मृतकों के परिवारों के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है.
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