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देश में कुपोषितों की संख्या घटी, मोटापे के शिकार लोग बढ़ेः रिपोर्ट

दुनिया में 80 करोड़ भूखे, भारत में 4 साल में 80 लाख बढ़े मोटापे के शिकार

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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुपोषित लोगों की संख्या में गिरावट आई है, हालांकि मोटापे के शिकार लोगों की तादाद में इजाफा हुआ है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 82 करोड़ से ज्यादा लोग भुखमरी के शिकार हैं.

दुनिया में 80 करोड़ लोगों के पास नहीं है पर्याप्त भोजन

रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में दुनियाभर में लगभग 82 करोड़ लोगों के पास पर्याप्त भोजन नहीं था. उससे पिछले साल ऐसे लोगों की संख्या 81 करोड़ दस लाख थी. भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या में तीन साल से लगातार इजाफा हो रहा है.

भारत में कुपोषित लोगों की तादाद 2004-06 में 25 करोड़ 39 लाख थी, जो 2016-18 में गिरकर 19 करोड़ 44 लाख रह गई है. वहीं 18 साल या उससे ज्यादा आयु के मोटापे के शिकार लोगों की संख्या 2012 में 2 करोड़ 41 लाख थी, जो बढ़कर 2016 में बढ़कर 3 करोड 28 लाख लाख हो गई.

पांच साल की आयु के ज्यादा वजन वाले बच्चों की संख्या 2018 में 29 लाख रही.

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संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी), संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को ‘विश्व खाद्य सुरक्षा एवं पोषण स्थिति 2019’ नामक रिपोर्ट पेश की जिसमें यह जानकारी दी गयी है.  

भारत और चीन की आर्थिक दर में हुआ इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि एल-सेल्वाडोर, घाना, भारत, ट्यूनिशिया तथा युगांडा में गरीबी दर में प्रतिवर्ष 3 से 6 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक, “हालिया कुछ सालों में चीन और भारत की आर्थिक दर में अच्छा इजाफा हुआ. 1990 और 2017 के दरम्यान दोनों देशों में औसत प्रति व्यक्ति जीडीपी वृद्धि क्रमश: 8.6 प्रतिशत और 4.5 प्रतिशत रही. हालांकि, वृद्धि का असर दोनों देशों में अलग अलग रहा.”  

रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों में प्रति व्यक्ति जीडीपी में वृद्धि से गरीबी दर में कमी आई है. चीन की गरीबी दर 1981 की 88 प्रतिशत से घटकर 2015 में 0.7 हो गई.

इसकी तुलना में, भारत की गरीबी में कमी "अपेक्षाकृत मामूली लगती है", जो 1987 की 48.9 प्रतिशत से घटकर 2011 में 21.2 प्रतिशत रह गई.

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