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मोदी सरकार की 2019 में वापसी होगी या फिर नई सरकार कैसी होगी? शेयर बाजार इसी चिंता में घुला जा रहा है. इस वजह से अगले कुछ महीने शेयर बाजार में निवेशकों को झटके पे झटके लग सकते हैं.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार की क्या तस्वीर होगी इसका स्पष्ट उत्तर किसी के पास नहीं है. जाहिर है उत्तर जब साफ नहीं होता तो अनिश्चितता बढ़ती है. शेयर बाजार को इस तरह की अनिश्चितता पूरी तरह से नापसंद है.
ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनले के मुताबिक ऐसे में शेयर बाजार तय नहीं कर पा रहा है कि चुनाव तक ऊपर जाना है या नीचे जाना है.
मॉर्गन स्टेनले के एनालिस्ट रिधम देसाई और शीला राठी की रिपोर्ट के मुताबिक...
मॉर्गन स्टेनले के मुताबिक निवेशकों को सबसे ज्यादा चिंता आर्थिक सुधारों को लेकर है.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के करीब 20 हजार करोड़ रुपए के बैंक घोटाले और बलात्कार की दो घटनाओं की वजह से लोगों में गुस्सा बहुत बढ़ गया है.
2017 में शानदार करीब 30 परसेंट का रिटर्न देने के बाद 2018 के शुरुआती 3.5 महीनों में कोई खास कमाई नहीं करा पाया है.
मॉर्गन स्टेनले ने निवेशकों को सलाह दी है कि वो संतुलित रुख अपनाए यानी अपने पोर्टफोलियो में जोखिम वाले शेयर कम रखें. इसी तरह छोटी मझौली कंपनियों के बजाए बड़ी कंपनियों के शेयर ज्यादा रखें.
वैसे 2019 तक अब लगातार भारत में चुनाव का त्यौहार करीब करीब शुरू हो चुका है. जिसमें सरकार की लोकप्रियता का ग्राफ दिखेगा. मई में कर्नाटक चुनाव कांग्रेस और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गए हैं. इसके अलावा इसी साल दिसंबर में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसढ़ जैसे राज्यों के नतीजे भी 2019 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होंगे.
(इनपुट ब्लूमबर्ग क्विंट)
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