Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सुसाइड केस: आदिवासी डॉक्टर ने मां से कहा था-वो मुझे छोटा समझते हैं

सुसाइड केस: आदिवासी डॉक्टर ने मां से कहा था-वो मुझे छोटा समझते हैं

पायल के परिवार ने वो सब बताया, जो पायल ने अपनी जान देने से पहले सहा था 

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
पायल तडवी मुंबई में मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट थीं
i
पायल तडवी मुंबई में मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट थीं
(फोटो: Facebook)

advertisement

पायल तडवी खुदकुशी मामले को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है. इस बीच क्विंट की टीम पायल के परिवार के पास पहुंची. पायल की मां और उनके पति ने क्विंट को वो सब बताया, जो पायल ने अपनी जान देने से पहले सहा था. परिजनों के मुताबिक, पायल ने मां से कहा था, ''वो मुझे छोटा समझते हैं.''

पायल के परिवार का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने अगर उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया होता, तो शायद आज पायल इस दुनिया में होतीं.

पायल ने 22 मई को कथित तौर पर अपनी सीनियर्स की रैगिंग से परेशान होकर मुंबई के टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में खुदकुशी कर ली थी. यह कॉलेज बीवाईएल नायर सरकारी अस्पताल से जुड़ा है. पायल इस कॉलेज में मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट थीं.

पायल की मां ने क्विंट को बताया है कि पायल की 3 सीनियर लगातार उनकी रैगिंग कर रही थीं. उन्होंने बताया कि रैगिंग के दौरान पायल से जातिसूचक बातें भी कही जा रही थीं.

‘’पायल बोलती थी कि मुझे यहां बहुत तकलीफ दी जा रही है. मेरे आदिवासी होने की वजह से बार-बार मुझे नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. जब भी फोन पर बात होती, तो पायल बोलती थी कि उसकी बहुत रैगिंग हो रही है और उससे जातिसूचक बातें भी बोली जा रही हैं. मैंने उनसे कहा कि मुझे उनके नंबर दो, मैं उनसे बात करूंगी. उसने कहा कि वो इतनी खराब लड़कियां हैं कि आपका अपमान कर देंगी. हमारे समाज में वो पहली लड़की थी, जो एमडी करने वाली थी. पूरे समाज को उस पर गर्व था. ऐसा कदम उसने खुद नहीं उठाया है. उसे उन्होंने ही मारा है.’’ 
अबेदा तडवी, पायल की मां
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पायल के पति सलमान ने बताया कि उन्हें पायल की परेशानी के बारे में दिसंबर में पता चला. उस दौरान पायल अपनी रैगिंग की कहानी बताते-बताते रोने लगी थीं.

‘’शुरू के दिनों में तो वो पूरी तरह से स्टेबल थी. ज्यादा कुछ उसने हमें बताया नहीं, लेकिन 8-10 दिसंबर के आसपास वो बहुत रोई. उसने सीधा बोला कि मेरे से ये नहीं होता, ये लड़कियां मुझे तकलीफ दे रही हैं. मेरी जाति के ऊपर बोल रही हैं. उसने उन लड़कियों के नाम भी हमको बताए. जिनके नाम थे- हेमा आहूजा, भक्ति महेरे और अंकिता खंडेलवाल. इसके बाद मैं पायल के साथ उसकी हेड ऑफ डिपार्टमेंट शिरोडकर मैडम के पास गया. फिर उसको 15-15 दिन के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट में भेजा गया. उस दौरान वो काफी स्टेबल थी. हमको लगा कि ये मामला अब सुलझ गया. मगर जब वो फरवरी के आखिर में वापस उसी यूनिट में आई, तो उसे फिर से टॉर्चर किया जाने लगा. इस बार ये टॉर्चर पहले से ज्यादा था.’’
सलमान, पायल के पति 

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, टीएन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी की रिपोर्ट में इस बात के सबूत मिले हैं कि आरोपी डॉक्टरों ने पायल को परेशान किया था और जातिसूचक टिप्पणियां की थीं.

पायल के पति सलमान ने एंटी रैगिंग कमेटी को बताया है, ''पायल ने 22 मई की सुबह दो डिलीवरीज में सहयोग किया था. इस दौरान उसकी 3 सीनियर्स ने उसके काम करने के तरीके को लेकर उसे डांटा था. दोपहर 2:30 बजे उसे रोते हुए देखा गया था, वह यूनिट छोड़कर चली गई.''

शाम 4 बजे पायल ने अपनी मां को फोन किया था, जिन्होंने पायल को सलाह दी कि वह अपने पति से मिलें. माना जा रहा है कि पायल ने शाम 4:30 से 7:30 के बीच खुदकुशी की थी.

ये भी देखें: आदिवासी डॉक्टर के पति ने कहा-पायल की हत्या हुई, घरवाले धरने पर

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 29 May 2019,12:44 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT