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मध्य प्रदेश में शौचालयों का दूसरा उपयोग भी हो रहा है. ये बात आपके मन में सवाल खड़ा कर सकती है, मगर हकीकत यही है. शिवपुरी जिले में शौचालय का रसोई के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था और स्कूली बच्चों के लिए यहीं हर रोज खाना बन रहा था और बच्चों को परोसा जा रहा था. जब इस मामले में मध्य प्रदेश की महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी से पूछा गया तो उनका कहना है कि शौचालय में खाना बनने में कोई दिक्कत नहीं है. इमरती कहती हैं कि अगर टॉयलेट सीट और स्टोव के बीच में पार्टिशन हो तो खाना बनाने में कोई दिकक्त नहीं है.
मंत्री के इस बेतुके बयान पर बीजेपी ने राज्य की कमलनाथ सरकार पर हमला बोला. बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा, “राज्य की कमलनाथ सरकार पूरी तरह असफल रही है. हर तरफ अराजकता का माहौल है. शिवपुरी में शौचालय को रसोई बना देना इसका प्रमाण है. इसके बाद मंत्री का बयान और भी सवाल खड़े करता है. लिहाजा कमलनाथ सरकार को तबादलों की बजाय व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए.
बता दें कि ये मामले शिवपुरी जिले के करैरा विकासखंड के एक आंगनवाड़ी केंद्र का है. आंगनबाड़ी केंद्र में काम करने वाली राजकुमारी योगी कहा कि यह बात सही है कि यहां पर शौचालय के एक हिस्से में खाना बनता है, क्योंकि उनके पास खाना बनाने के लिए अलग से कोई स्थान ही नहीं है. उनका कहना है कि वे समूह से कई बार कह चुकी हैं कि खाना बनाने के लिए दूसरी जगह उपलब्ध कराएं.
मगर ऐसा नहीं हो पाया. मजबूरी में उन्हें शौचालय भवन का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए करना पड़ रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर ने भी शौचालय में खाना बनने की बात स्वीकार की और कहा कि जो शौचालय बना है वह आधा-अधूरा है और वहां पर पानी की कमी के चलते उसका उपयोग शौचालय के रूप में नहीं हुआ है.
अब इमरती देवी को कौन समझाए कि क्या वो ऐसे ही रसोई और खाना खिलाने के तरीके का इस्तेमाल खुद के लिए या अपने बच्चों के लिए करना चाहेंगी? हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में जांच की जा रही है.
इससे पहले, शिवपुरी जिले के बदरवास में भी दो मामले ऐसे सामने आए थे, जब वहां पर कुछ लोगों के घरों पर बनाए गए शौचालयों में किराने की दुकान और रसोई बना ली गई थी. राज्य के कई दूसरे हिस्सों में भी शौचालय का इस्तेमाल अलग-अलग काम में लाए जाने के मामले सामने आ चुके हैं, मगर ये पहला ऐसा मामला है जब आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चों के लिए रसोई के तौर पर शौचालय का उपयोग किया जा रहा है.
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