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वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी
मनसुख हिरेन की मौत आत्महत्या की वजह से हुई या मामला कुछ और है? महाराष्ट्र सरकार ATS से जांच करा रही है. बीजेपी चाहती है NIA जांच करे. दिग्विजय सिंह को NIA पर भरोसा नहीं. मनसुख वो शख्स है, जिनकी स्कॉर्पियो मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने खड़ी थी और जिसमें विस्फोटक मिले थे. मनसुख की मौत पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कुछ ऐसी गुत्थियां हैं जो सुलक्ष नहीं रही हैं. ऐसी ही पांच गुत्थियों पर नजर डालिए.
और ये सवाल क्यों उठ रहा है ये भी समझ लीजिए. 5 मार्च की सुबह 10.25 के करीब थाने से सटे कलवा खाड़ी में मनसुख हिरेन का शव बरामद किया गया. फड़नवीस ने आरोप किया है कि शव निकाले जाने पर मनसुख के हाथ बंधे हुए मिले. साथ ही सामने आए वीडियो में पता चल रहा है कि मनसुख के मुंह में से ठूंसा हुआ रुमाल निकाला जा रहा है. साथ ही मनसुख के शव के साथ उसका मोबाइल नहीं मिल पाया है. बावजूद इसके स्थानीय पुलिस ने ADR रजिस्टर कर इस मौत को आत्महत्या क्यों करार दिया है.?
मनसुख हिरेन की मौत की खबर के कुछ घण्टे पहले विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था. फड़नवीस ने आरोप लगाया कि इस मामले के जांच अधिकारी रहे सचिन वझे और मनसुख हिरेन के बीच जून और जुलाई 2020 में फोन पर बातचीत हुई थी. मनसुख विक्रोली में अपनी गाड़ी छोड़कर ओला कार से मुम्बई पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में किसी से मिलने पहुंचे थे. और सबसे अहम सवाल कि अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक की खबर के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर सचिन वझे पहुंचे थे. स्कॉर्पियो में मिली धमकी की चिट्ठी सचिन वझे ने जारी की थी. ऐसे में फड़नवीस ने सरकार से सवाल किया कि फिर अचानक सचिन वझे को कुछ दिनों पहले जांच से क्यों हटाया गया.
मनसुख की पत्नी विमला हिरेन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि मनसुख इस मामले की जांच में पूरा सहयोग कर रहे थे. 4 मार्च शाम को कांदिवली पुलिस थाने से तावड़े नाम के पुलिस अधिकारी का फोन आने के बाद मनसुख घडोबन्दर रोड उनसे मुलाकात करने निकले. लेकिन कुछ देर बाद उनका मोबाइल बंद हो गया. देर रात तक ना लौटने पर परिवार मनसुख घुमशुदा होने की शिकायत करने नौपाडा पुलिस थाने पहुंचा. लेकिन उन्हें 5 मार्च तक रुकने को कहा गया.
मीडिया में एक चिट्ठी चल रही है.कहा जा रहा ये चिट्ठी मनसुख ने सीएम उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख समेत मुंबई और थाने पुलिस कमिश्नर को लिखी थी. अब मनसुख के भाई ने भी कन्फर्म किया है कि हां ये चिट्ठी मनसुख ने लिखी थी. उन्होंने इस पत्र में सीएम और पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी. हालांकि पुलिस ने इस चिट्ठी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन मनसुख ने वाकई में चिट्ठी लिखी और जैसा कि उसका परिवार कह रहा है कि लिखी तो आखिर मनसुख को किससे खतरा था?
इस चिट्ठी में मनसुख ने बताया है कि किस तरह अलग अलग पुलिस थाने और एजेंसियों से हो रही जांच से वो परेशान हो चुके थे. 25 फरवरी को ATS अधिकारियों ने उनके घर आकर इस मामले की जानकारी दी और पूछताछ की. 26 फरवरी की सुबह 2 बजे से 6 बजे तक उन्हें विक्रोली पुलिस थाने में रखा गया. जिसके बाद घाटकोपर पुलिस थाने से भी पूछताछ के लिए फोन आया. 27 फरवरी को उन्हें ATS कार्यालय नागपाड़ा में बुलाया गया. वहां से सचिन वाझे ने उनकी क्राइम ब्रांच में पूछताछ की. जिसके बाद NIA अधिकारियों ने भी उन्हें जांच के लिये बुलाया.
जिसके बाद एक रिपोर्टर ने भी उन्हें कॉल करके बताया कि वो इस केस में सस्पेक्ट है. तो सवाल ये है कि आखिर इस एक केस की जांच कितने स्टेशन और एजेंसियां कर रही हैं और क्यों? और अब ये केस जिस वजह से हाईप्रोफाइल है. मनसुख की कार 18 फरवरी गायब हुई, उसने शिकायत दी. फिर ये कार 25 को अंबानी के घर के सामने मिली. तो 17 से 25 के बीच पुलिस ने कार को तलाशने के लिए क्या किया? मनसुख की कार विक्रोली में गायब हुई थी तो वो अंबानी के घर साउथ मुंबई कैसे पहुंची, कौन लाया? शायद यही गुत्थी सुलझा ले तो मनसुख से जुड़े सवालों के जवाब भी मिलेंगे.
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