Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मुख्तार अंसारी का निधन: पूर्वांचल गढ़,5 बार MLA.. एक उपराष्ट्रपति के 'बाहुबली' भतीजे की कहानी

मुख्तार अंसारी का निधन: पूर्वांचल गढ़,5 बार MLA.. एक उपराष्ट्रपति के 'बाहुबली' भतीजे की कहानी

Mukhtar Ansari Death: खाने में जहर देने के आरोपों के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

चंदन सिंह राजपूत
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>मुख्तार अंसारी का निधन: पूर्वांचल गढ़,5 बार MLA.. एक उपराष्ट्रपति के 'बाहुबली' भतीजे की कहानी</p></div>
i

मुख्तार अंसारी का निधन: पूर्वांचल गढ़,5 बार MLA.. एक उपराष्ट्रपति के 'बाहुबली' भतीजे की कहानी

फोटो- क्विंट हिंदी

advertisement

Mukhtar Ansari Passed Away: उत्तर प्रदेश के बाहुबली, नेता, दर्जनों केस, 19 साल से जेल में बंद, लेकिन फिर भी मीडिया की खबरों में बने रहने वाले मुख्तार अंसारी. 5 बार के विधायक और मऊ जिले की राजनीति पर असर रखने वाले मुख्तार अंसारी का निधन हो गया है.

खाने में जहर देने के आरोपों के बाद मुख्तार अंसारी को बांदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हॉस्पिटल ने अपने मेडिकल रिपोर्ट में बताया है कि मुख्तार की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है.

चलिए आपको बताते हैं गैंगस्टर के राजनेता बने एक ऐसे शख्स की कहानी जिसके चाचा देश के उपराष्ट्रपति बने, उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी रहे और नाना महावीर चक्र सम्मानित हुए. इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि मुख्तार अंसारी को कब-कब किस मामले में सजा हुई, उनका सियासी सफर कैसा रहा?

सबसे पहले बात मुख्तार के फैमली बैकग्राउंड की.

मीडिया और विरोधी मुख्तार अंसारी को मऊ समेत पूरे पूर्वांचल का बाहुबली बताती आई है. मुख्तार अंसारी पर एक नहीं, दो नहीं, कई मामले दर्ज थे. वे पिछले 19 सालों से जेल में बंद थे. लेकिन मुख्तार का पारिवारिक पृष्ठभूमि आपराधिक नहीं था. भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्तार के चाचा हैं. मुख्तार अंसारी के दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी आजादी से पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे. जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापक सदस्यों में से भी रहे हैं. वहीं नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान अंसारी महावीर चक्र से सम्मानित थे. लेकिन मुख्तार अंसारी की ये हालत कैसे हुई?

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

किस मामले में काट रहे थे सजा?

मुख्तार अंसारी को सबसे हाल में साल 2023 में 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. ये मामला 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और कमलेश की मौत हो चुकी है. 

अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश न्यायिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी. 31 साल पुराने इस मामले में अभियोजन और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद मुख्तार को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 

बता दें साल 2005 में कृष्णानंद हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को जेल जाना पड़ा था.

कृष्णानंद हत्याकांड

जब वो सियासत की सीढ़ियों पर तेजी से चढ़ रहा था, उस वक्त मुख्तार के रास्ते में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की चुनौती आई. राय के कैंपेन को मुख्तार के कंपटीटर सपोर्ट कर रहे थे. 2002 में मोहम्मदाबाद से मुख्तार के भाई और कई बार के विधायक अफजाल अंसारी को राय ने हरा दिया तो ये दुश्मनी और बढ़ गई.

फिर नवंबर, 2005 में वो हत्याकांड हुआ जिसे पूर्वांचल अब तक नहीं भूल सका है. गाजीपुर की बात है, कृष्णानंद राय एक क्रिकेट प्रतियोगिता कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे, रास्ते में ही घात लगाए बैठे हमलावरों ने उनपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं. सैंकड़ों राउंड गोलियां चली और कृष्णानंद राय समेत 7 लोगों की मौत हो गई. इस हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर है.

मुख्तार का सियासी सफर 

मुख्तार अंसारी का सियासी सफर 26 बरस का था. मुख्तार अंसारी ने बीएसपी के टिकट पर साल 1996 में पहली बार मऊ के सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था. इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीतकर लखनऊ पहुंच गया.

साल 2012 में कौमी एकता दल का गठन किया और चुनाव लड़कर जीत हासिल की. मुख्तार ने 2007, 2012 और 2017 का चुनाव जेल में बंद रहकर लड़ा और जीता.

मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 8 मुकदमे ऐसे हैं, जो जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे. ज्यादातर मामले हत्या से संबंधित हैं. सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जनपद गाजीपुर में दर्ज हैं.

बता दें कि मऊ में दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. इसके बाद से जेल में बंद है.

  • 1996 में BSP की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीता

  • 2002, 2007, 2012 और 2017 में मऊ से जीत हासिल की

  • आखिरी तीन चुनाव अलग-अलग जेलों में रहते हुए लड़े

  • 2010 में BSP सुप्रीमो ने मुख्तार अंसारी को पार्टी से निकाल दिया था

  • BSP से निकाले जाने पर मुख्तार ने कौमी एकता दल के नाम से नई पार्टी बनाई

  • 2017 में कौमी एकता दल का BSP में विलय हो गया. वाराणसी सीट से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार का सामना किया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT