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मुंबई ब्लैकआउट: केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बयानों में विरोधाभास

पिछले साल 12 अक्टूबर को ग्रिड फेल हो जाने से मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली चली गई थी

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भारत
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मुंबई ब्लैकआउट पर नितिन राउत और आरके सिंह के बयानों में विरोधाभास
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मुंबई ब्लैकआउट पर नितिन राउत और आरके सिंह के बयानों में विरोधाभास
(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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मुंबई में पिछले साल अक्टूबर में बड़े पैमाने पर अचानक बिजली गुल होने की वजह को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बयानों में विरोधाभास दिखा है. जहां केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने उन दावों को खारिज किया है कि मुंबई में चीनी साइबर अटैक की वजह से बिजली गुल हुई थी, वहीं महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने प्राथमिक सूचना का हवाला देते हुए कहा है साइबर हमले के चलते ही मुंबई में बिजली संकट आया था.

बता दें कि पिछले साल 12 अक्टूबर को ग्रिड फेल हो जाने से मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली चली गई थी,  इस दौरान ट्रेनें जहां थीं, वहीं रुक गई थीं, COVID-19 महामारी के चलते घर से काम करने वालों का काम बाधित हो गया था और आर्थिक गतिविधि पर बुरा असर पड़ा था. 

आरके सिंह का क्या कहना है?

CNN-न्यूज18 के मुताबिक, आरके सिंह ने कहा है कि मुंबई में पिछले साल अक्टूबर के बिजली संकट की वजह 'मानवीय गलती' थी.

सिंह ने कहा, ‘’हमने मुंबई में एक टीम भेजी थी और उसका निष्कर्ष था कि ऑपरेटरों और स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम को संभालने वाले लोगों ने कुछ गलतियां की थीं. उन्होंने उस बिंदु की पहचान की जहां गलतियां हुईं.’’

हालांकि, सिंह ने कहा, '' नवंबर में हमारे लोड डिस्पैच सेंटर पर साइबर अटैक/हैकिंग जैसी कुछ कोशिशें की गई थीं और हमारे CERT-In ने हमारे सेंटर को एक तरह से अलर्ट किया था. उन सेंटर ने एक ऑडिट किया था. हैकरों ने जिन प्वाइंट्स पर सेंध लगाने की कोशिश की थी, उनको ब्लॉक कर दिया गया था.''

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नितिन राउत ने क्या कहा है?

नितिन राउत ने बताया है कि राज्य सरकार, महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग और केंद्रीय विद्युत प्राधिककरण ने बिजली गुल हो जाने की घटना की जांच के लिए अलग-अलग समितियां बनाई थीं और उनकी रिपोर्ट्स मिल गई हैं.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘तब हमने साइबर सेल से शिकायत की थी और उसकी रिपोर्ट का इंतजार है, लेकिन मेरे पास जो प्राथमिक सूचना है, उसके हिसाब से निश्चित ही यह साइबर हमला था और यह विध्वंस था.’’

हालांकि राउत ने इस बारे में ज्यादा ब्योरा नहीं दिया. उनका यह बयान अमेरिका की एक कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर की उस रिपोर्ट के बीच आया, जिसमें दावा किया गया कि पिछले साल लद्दाख में सीमा तनाव के बीच चीन सरकार से जुड़े एक ग्रुप ने मालवेयर के जरिए भारत की अहम विद्युत ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया था. मालवेयर एक सॉफ्टवेयर होता है जिसे कम्प्यूटर नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तैयार किया जाता है.

रिपोर्ट में यह संदेह भी जताया गया कि कहीं पिछले साल मुंबई में व्यापक स्तर पर बिजली का गुल होना ‘ऑनलाइन नेटवर्क’ को नुकसान पहुंचाने का ही नतीजा तो नहीं था?

मालवेयर हमले का पोसोको के कामकाज पर कोई असर नहीं: बिजली मंत्रालय

बिजली मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि किसी भी प्रकार के मालवेयर/साइबर हमले से पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पोसोको) के कामकाज में कोई असर नहीं पड़ा है. हालांकि मंत्रालय ने अपने बयान में मुंबई में बिजली गुल होने के मामले का जिक्र नहीं किया.

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘जिस खतरे की बात की जा रही है, उसका पोसोको के कामकाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इन घटनाओं के कारण आंकड़ों में कोई सेंध नहीं लगी है.’’

चीन ने खारिज किया रिपोर्ट का दावा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने भारत के बिजली ग्रिड को हैक करने में चीनी संलिप्तता को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि बिना किसी सबूत के इस प्रकार का आरोप लगाना गलत इरादे वाली और गैर-जिम्मेदाराना हरकत है.

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Published: 02 Mar 2021,12:53 PM IST

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