advertisement
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने आतंकी अजमल कसाब को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी कसाब को एक हिंदू के तौर पर पेश करना चाहती थी. उन्होंने अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' में ये खुलासा किया है. इस पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने सवाल खड़ा किया है कि कांग्रेस के शासनकाल में ये खुलासा क्यों नहीं किया गया. उन्होंने इसी बहाने कांग्रेस पर आरोप भी लगाया कि उसने भी तब हिंदू टेरर फैलाने का काम किया.
पीयूष गोयल ने पूर्व पुलिस कमिश्नर के इस खुलासे को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बड़ी साजिश रची थी. वहीं गोयल ने पूर्व कमिश्नर पर भी सवाल उठाए कि उन्होंने तब ये बात क्यों नहीं बताई थी. किताब में ये भी बताया गया है कि तब पुलिस सुरक्षा कारणों के चलते इस घटना की फोटो जारी नहीं करना चाहती थी, लेकिन फिर भी फोटो मीडिया में जारी हुईं. इसके लिए उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया है. बता दें कि तब कांग्रेस की सरकार थी, इसीलिए अब बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. गोयल ने इस मामले पर कहा,
मुंबई में साल 2008 में बड़ा आतंकी हमला हुआ था. जिसमें कई लोगों की जान चली गई. इसी हमले के दौरान पुलिस ने एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था. तब यूपीए यानी कांग्रेस सत्ता में थी. इसीलिए कसाब पर खुलासे के बाद बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलावर है.
इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट केस की आरोपी और अब बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को लेकर भी बीजेपी ने हिंदू टेरर की बात कही थी. खुद अमित शाह ने कहा था कि प्रज्ञा पर हिंदू टेरर के नाम पर फर्जी केस बनाया गया.
दरअसल मुंबई के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब 'Let Me Say It Now (लेट मी से इट नाउ)' में कसाब को लेकर कई बातें लिखीं हैं. उन्होंने ये भी बताया है कि कसाब के हाथ पर कलावा क्यों बांधा गया था. क्योंकि पाकिस्तानी एजेंसी उसे एक हिंदू के तौर पर साबित करना चाहती थी. इसीलिए उसे समीर दिनेश चौधरी के नाम से आईडी कार्ड दिया गया था.
मारिया ने अपनी किताब में बताया है कि कसाब को जिंदा रखना उनके लिए काफी अहम हो गया था, क्योंकि मुंबई पुलिस में भी उसके लिए नफरत और गुस्सा था. इसके अलावा, पाकिस्तान के आईएसआई और लश्कर भी अपने खतरनाक साजिश के एकमात्र जीवित सबूत को खत्म करने के लिए हर रास्ता अपनाने को तैयार थे. इसके लिए दाऊद से भी संपर्क किया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)