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इससे पहले कि आरे पर SC का आदेश आता,तेजी से कटे पेड़-हर मिनट में एक

एमएमआरसीएल ने आरे कॉलोनी में 40 घंटों से भी कम समय में स्वीकृत 2,185 में से 2,141 पेड़ काट डाले

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आरे क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के लिए कटे पेड़
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आरे क्षेत्र में मेट्रो कार शेड के लिए कटे पेड़
(फोटो: AP)

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मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने आरे कॉलोनी में 40 घंटों से भी कम समय में स्वीकृत 2,185 में से 2,141 पेड़ काट डाले. दूसरे शब्दों में 'प्रति मिनट एक' पूरी तरह से विकसित पेड़ काटा गया. नाराज सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे सिर्फ पेड़ नहीं थे, बल्कि कई देसी किस्मों की हरियाली, वनस्पति, जीवों, कीटों, जानवरों का पूरा इकलॉजिकल सिस्टम था.

आरे कंजर्वेशन ग्रुप (एसीजी) की मेंबर अमृता भट्टाचार्जी ने आईएएनएस से कहा,

“सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक का इंतजार नहीं किया और बढ़ गई. इशारा मिलते ही सिर्फ 40 घंटों में 2,141 पेड़ों को काट डाला गया, हालांकि आधिकारिक दावे की पुष्टि होनी है.”

पिछले कुछ सालों में बचे मुंबई के एक मात्र 'ग्रीन लंग्स' में से एक को बचाने के लिए एसीजी सबसे आगे है.

2185 में से 2141 पेड़ काट डाले

उन्होंने आरोप लगाया कि सितंबर में एमएमआरसीएल ने इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए एक मीडिया विज्ञापन जारी किया था. इस पर एमएमआरसीएल ने स्वीकार किया कि बीएमसी के वन प्राधिकरण के निर्णय को कायम रखने के मुंबई हाईकोर्ट के चार अक्टूबर के निर्णय के बाद उसने काटे जाने के लिए स्वीकृत 2,185 पेड़ों में 4-5 अक्टूबर के बीच 2,141 पेड़ काट डाले. एमएमआरसीएल ने कहा,

“हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के आज (रविवार) के आदेश का सम्मान करते हैं. आरे मिल्क कॉलोनी में अब पेड़ काटने की कोई कार्रवाई नहीं होगी. मौके पर अन्य काम, जैसे पहले से ही काटे गए पेड़ों को हटाने का काम जारी है.”

29 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था

एक अन्य कार्यकर्ता शशि सोनावाणे ने कहा कि पेड़ काटने में एमएमआरसीएल की रफ्तार से ये साफ है कि उसे सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने का पूरा विश्वास था. पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 29 कार्यकर्ताओं में शशि भी थीं. भूमिपुत्र बचाओ आंदोलन की सोनावाणे ने आईएएनएस से कहा, "मेट्रो की कार शेड के लिए किसी दूसरे विकल्प पर विचार क्यों नहीं किया गया, जिससे ये बहुमूल्य पेड़ बच जाते और संजय गांधी नेशनल पार्क में स्थित मीठी नदी और तीन झीलों का जलाश्रय बन जाता."

विरोधियों और कार्यकताओं पर हमला करते हुए एमएमआरसीएल की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे ने सोमवार को इस कदम का बचाव करते हुए कहा, "कभी-कभी कुछ नए के निर्माण के लिए अवांछनीय काम करने पड़ते हैं लेकिन इससे नए जीवन और निर्माण का मार्ग भी साफ होता है."

उन्होंने आरोप लगाया कि ये झूठी खबर फैलाई जा रही है कि बीएमसी ट्री अथॉरिटी की वेबसाइट पर आदेश जारी किए जाने के बाद 15 दिन का नोटिस दिया जाता है.

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हाल ही में 'मैन वर्सेज वाइल्ड' शो में मोदी ने याद करते हुए कहा था कि कैसे उनके चाचा लकड़ी का व्यापार करना चाहते थे, लेकिन उनकी दादी ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि पेड़ों में भी जीवन होता है." सावंत ने आईएएनएस से कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका पूरा परिवार पर्यावरण संरक्षण करता है. लेकिन दुख की बात है कि ये शब्द तब बहुत खोखले लगते हैं, जब उनकी अपनी भाजपा सरकार रातोरात हजारों पेड़ काट डाले."

( इनपुट: IANS )

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Published: 10 Oct 2019,04:22 PM IST

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