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मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे कुंभ में सांप्रदायिक सद्भाव के भी रंग देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ जहां हिंदू क्षिप्रा नदी के जल में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं, तो दूसरी ओर मुस्लिम समाज के नौजवान पानी में डूबने वालों को बचाने में जुटे हैं.
उज्जैन में क्षिप्रा नदी के घाटों पर अलग-अलग जगहों पर तैराकों के दलों की तैनाती की गई है, ताकि स्नान के दौरान कोई हादसा न हो और जो श्रद्धालु गहरे पानी में पहुंच जाएं, तो उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके. सबसे ज्यादा श्रद्धालु रामघाट पर पहुंचते हैं. यहां एक दल मौलाना मौज तैराक संघ का भी तैनात है. इस दल में ज्यादातर युवा मुस्लिम समुदाय से हैं.
तैराक दल के सदस्य अब्दुल वाजिद ने बताया कि दल के सभी सदस्य सीटी बजाकर स्नान करने आए श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से सचेत करते हैं. इसके साथ ही उन्हें जंजीरों और बैरिकेड्स के भीतर ही रहने के लिए समझाते हैं. इसके बावजूद जब कुछ श्रद्धालु गहरे पानी में डुबकी लगाने के उत्साह में डूबने लगते हैं, वैसे ही दल के सदस्य डूबते व्यक्ति को गोता लगाकर बचा लेते हैं.
मौलाना मौज तैराक दल संघ के अध्यक्ष खान ने बताया कि उनका दल ग्रीन सिंहस्थ-क्लीन सिंहस्थ लिए भी काम कर रहा है. दल के सदस्यों ने बीते सोमवार को होमगार्ड के कहने पर रामघाट की साफ-सफाई की. इसके साथ ही नदी के पानी को साफ करने के लिए फूलों के अलावा अन्य पूजन सामग्री समेत कचरे को भी बाहर निकाला.
तैराक दल तीन शिफ्टों में 24 घंटे श्रद्धालुओं की सेवा और सुरक्षा में लगा है. सिविल डिफेंस के रूप में जो भी जिम्मेदारी दल के सदस्यों को सौंपी जाती है, दल द्वारा सेवा भावना से पूरा करने का प्रयास किया जाता है.
-इनपुट IANS से
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