advertisement
रमजान का ये पाक महीना मुसलमानों के लिए काफी अहम होता है. इसमें दुनियाभर के मुस्लिम सुबह से लेकर शाम तक 'रोजा' रखते हैं. पूरे एक महीने चलने वाले इस रोजे में वो कुछ भी नहीं खाते, लेकिन असम के पनाउल्ला अहमद ने अपना ये रोजा एक हिंदू के लिए तोड़ दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, असम के धेमाजी जिले के रहने वाले राजन गोगोई को ओ-पॉजिटिव ब्लड की सख्त जरूरत थी. काफी खोजबीन करने के बावजूद उनका परिवार उनके लिए खून का इंतजाम नहीं कर पा रहा था. तभी उनकी जिंदगी में अहमद फरिश्ते बनकर आए.
अहमद के रूममेट, तापश भगवती टीम ह्यूमैनिटी का हिस्सा हैं. ये ऐसा ऑर्गनाइजेशन है जो मरीजों को ब्लड डोनर्स से कनेक्ट करता है. जब तापश को गोगोई के बारे में पता चला, तो वो उसके लिए ब्लड डोनर को खोजने लगे.
थोड़ी देर बाद अहमद ने खुद ब्लड डोनेट करने की बात कही. तापश अहमद को लेकर गोगोई के पास गए. अहमद ने रोजा तोड़ने को लेकर अपने गांव भी फोन किया. तापश ने बताया कि गांववालों ने उन्हें अलग-अलग बातें कहीं, लेकिन आखिर में उन्होंने ब्लड डोनेट करने का फैसला लिया.
अहमद की ये कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. कई यूजर्स ने कमेंट किया है कि ऐसी कहानियां बताती हैं कि आज भी दुनिया में नफरत के ऊपर इंसानियत हावी है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)