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महिलाएं पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं है. हर क्षेत्र में अपने बूते सफलता का परचम लहराने वाली महिलाएं धार्मिक काम भी अकेले करने के लिए आगे आ रही हैं. अब काफी मुस्लिम महिलाएं अकेले हज यात्रा पर जाने के लिए आगे आई हैं.
दरअसल जब से सरकार ने ये शर्त हटाई है कि हज के लिए जाने वाली महिलाओं के साथ पुरुषों का होना जरूरी है. तब से ऐसी मुस्लिम महिलाएं बड़ी तादाद में आवेदन कर रही हैं, जो बगैर किसी पुरुष के इस पाक सफर पर जाने की तैयारी में हैं.
आगले साल यानी की 2018 के हज के लिए 15 नवंबर से आवेदन शुरू किया गया है. इसके महज तीन-चार दिनों के अंदर ही 22 महिलाओं के ग्रुप ने बगैर मेहरम (बगैर पुरुष रिश्तेदार के) हज जाने के लिए आवेदन किया है. इनमें से बहुत सारी महिलाओ के आवेदन स्वीकार भी कर लिए गए हैं. हज आवेदन प्रक्रिया 7 दिसंबर तक चलेगी.
बिना मेहरम के हज पर जाने का आवेदन करने के मामले में केरल सबसे आगे है. नकवी ने कहा कि केरल से ऐसी महिलाओं के 18 समूहों ने आवेदन किए हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश से दो, असम और पश्चिम बंगाल से एक-एक समूहों ने आवेदन किए हैं.
दरअसल महिलाओं के साथ पुरुषों की अनिवार्यता के पीछे एक तर्क ये था, कि उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए ये जरूरी है. लेकिन केंद्रीय मंत्री नकवी ने कहा, "हज पर बिना मेहरम के जाने वाली महिलाओं को हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उनकी सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाएगा. सुरक्षा को लेकर चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है."
हज आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के महज छह दिनों के अंदर ही 30 हजार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए है. जबकि तीन हजार लोगों के ऑफलाइन आवेदन मिले हैं. पिछले साल करीब पांच लाख लोगों ने आवेदन किए थे. इस बार भी बडी संख्या में आवेदन मिलने की संभावना है. हज के लिए भारत का कोटा 1.7 लाख हजयात्रियों का है.
केंद्रीय मंत्री नकवी का कहना है, "हम पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दे रहे हैं. हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज करने का मौका मिले और उनकी मेहनत की कमाई का पूरी तरह सही इस्तेमाल हो."
(इनपुटः भाषा से)
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