#MuslimWomenDay: मजहब नहीं सिखाता इन्हें बेड़ियों में रहना

लड़कियों को नाम कमाने से कोई मजहब नहीं रोक सकता

मुस्कान शर्मा
भारत
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<b>(फोटो: The Quint)</b>
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(फोटो: The Quint)
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सच में इन मुस्लिम लड़कियों को मजहब बेड़ियों में रहना नहीं सिखाता. आज #muslimwomenday पर आपको हम मिलवाते हैं कुछ ऐसी ही महिलाओं से जो बेड़ियों से आजाद होकर एक नई ऊंचाई को छू रही हैं.

फिर चाहे वो हवाई जहाज उड़ाना हो या फिर खूबसूरती हो. हर फिल्ड में ये महिलाएं अपना नाम बना चुकी हैं.

आएशा अजीज

सबसे छोटी उर्म की कमर्शेियल पॉयलट

(फोटो: Twitter)

अजीज महज 16 साल की उम्र में देश की सबसे कम उम्र की पायलट बनी थीं. उन्हें 2011 में स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस मिला था. वर्ली के एक बिजनसमैन की बेटी अजीज ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की. आएशा का दिल सिर्फ इतने से ही नहीं भरा, आएशा का अगला सपना मिग-29 फाइटर जेट उड़ाने का है.

नूरा आफिया

कवर गर्ल की पहली हिजाब वाली ब्रैंड अंबेसडर

नूरा आफिया पहली मुस्लिम महिला हैं जो पहली कवर गर्ल की हिजाब वाली बैंड एंबेसडर बनीं हैं. इसे पहले नूरा एक ब्यूटी ब्लॉगर थीं और इतना ही नहीं नूरा के 200,000 से भी ज्यादा यूट्यूब सबस्क्राइबर्स हैं.

हलिमा एडीन

पहली हिजाब वाली रनवे मॉडल

(फोटो: Twitter)

हलिमा एडीन का जन्म केन्या के एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था. आज दुनिया उन्हें पहली हिजाब पहनकर रनवे पर मॉडलिंग करने वाली पहली महिला के तौर पर जानती है. हलीमा ने कानिए वेस्ट के शो में हिजाब पहनकर मॉडलिंग की तो सुर्खियों में भी आई और तारीफ भी मिली.

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इबतीहज मोहम्मद

पहली हिजाब वाली फेंसिंग गेम ओलंपियन

(फोटो: Twitter)

अमरीका की पहली मुस्लिम ओलंपियन जिसने हिजाब पहनकर रियो ओलंम्पिक में हिस्सा लिया. किसने सोचा था की एक लड़की फेंसिंग जैसी खतरनाक खेल में हिस्सा लेगी.

कैरोलाइन वॉकर

पहली जज जिसने कुरान की कस्म खाई बॉइबल की जगह

(फोटो: Twitter)

एक तरफ डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं कि वो दूसरे देशों से आने वाले मुसलमानों को रोकेंगे और वहीं अमेरिकी में ही कैरोलाइन वॉकर पहली जज बनीं जिन्होंने कुरान पर हाथ रख कर शपथ ली.

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