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"45 साल के मुख्य आरोपी को लगा कि अब 14 साल की लड़की के साथ उसके कथित संबंध की खबर सबको लग जाएगी. लड़की को पहले ही गांव के नवयुवकों ने रॉड से मारा था. अब मुख्य आरोपी ने लड़की को हमेशा के लिए चुप कराने के लिए उसका गला घोटा, उसपर खेती के औजार से हमला किया और बॉडी को रस्सियों से बांधकर तालाब में डाल दिया..."
ये कहना है बिहार पुलिस का. मुजफ्फरपुर में 14 साल की दलित लड़की की हत्या (Muzaffarpur, Bihar Dalit Girl Murder) कर दी गई. इसमें एक-दो नहीं, बल्कि 6 आरोपी हैं. इस मामले को जितना करीब से देखें उतना उलझा नजर आता है. मृतका के परिजन गैंगरेप का दावा करते हैं. पुलिस इससे इंकार करती है. पुलिस की जांच के अनुसार पूरे मामले में नामजद आरोपी खुद पीड़ित भी है. क्रमवार तरीके से पूरी कहानी समझते हैं.
मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र में लालू छपरा गांव है. यहां 12 अगस्त को पुलिस ने 14 साल की लड़की का शव बरामद किया. लड़की महा-दलित समुदाय से थी. परिजनों का दावा है कि गांव के 45 साल के व्यक्ति संजय राय ने लड़की से जबरदस्ती शादी करने के इरादे से उसे अगवा किया और अपने साथियों के साथ गैंगरेप. फिर बर्बरता से हत्या कर दी.
पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. अब बिहार पुलिस ने मामले में तहकीकात पूरी करके मामले को सुलझा लेने का दावा किया है. मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) राकेश कुमार ने सोमवार, 20 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
SSP राकेश कुमार के अनुसार मृतका और मुख्य आरोपी संजय राय के बीच पिछले 3 सालों से फोन पर काफी बातचीत हो रही थी. पुलिस के पास इसके टेलिफोनिक रिकॉर्ड्स हैं. हत्या का यह मामला 11 अगस्त की देर रात का है. रात के 10.30 से 11 बजे के बीच में दोनों की कॉल पर बातचीत हुई. कॉल के बाद मृतका लड़की घटनास्थल पर खुद गई. पुलिस के अनुसार चौर (खेत का इलाका) की यह फिक्स जगह थी जहां दोनों मिला करते थे.
पुलिस का दावा है कि इसके बाद मुख्य आरोपी संजय राय को लगा कि मामले में उसका भी अब भेद खुल जाएगा. उसने पत्तियों की रस्सी से लड़की के हाथ-पैर बांधे, उसका गला दबाया और बॉडी को घसीटते हुए घटनास्थल से 20-30 मीटर दूर पानी वाली जगह ले गया और बॉडी वहीं दबा दी. साथ ही खुरपी से घटनास्थल की मिट्टी को उपर-नीचे किया ताकि खून के धब्बे छिप जाएं. इसके बाद वह अपने साथी की गाड़ी से भाग गया.
लड़की के गर्दन के पिछले हिस्से, सिर और हथेली पर धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं.
पुलिस ने अबतक मुख्य आरोपी संजय राय और कथित रूप से भागने में उसकी मदद करने वाले साथी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा पांच आरोपी नवयुवकों में से 3 भी गिरफ्त में हैं. जबकि दो अन्य की तलाश जारी है.
इसके अलावा संजय राय के घर पर सीओ मुकेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन भी लिया है.
साथ ही पुलिस ने खुद को समुदाय खास का नेता बताने वाले गोल्डन दास और 15 अन्य को भी गिरफ्तार किया है. इनपर इलाके में जातीय उन्माद, हिंसा फैलाने, लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने और पुलिस पर हमला करने का आरोप है. इस मामले में गिरफ्तार सभी 16 आरोपी नामजद हैं जबकि 250 अज्ञात लोग भी आरोपी बनाए गए हैं.
परिजनों का दावा पुलिस के दावे से ठीक उल्टा था. मृतका की मां ने FIR में दावा किया था कि 11 अगस्त की रात 12 बजे घर के दरवाजे पर मृतका के पिता और भाई सो रहे थे. उसी समय आरोपी संजय अपने 5 साथियों के साथ वहां पहुंचा और पिता-भाई को जातिसूचक गालियां देते हुए मारने-पीटने लगा. साथ ही कथित तौर उसने पिता-भाई के सामने लड़की से रेप और उसकी हत्या की धमकी दी थी.
इसके बाद लड़की को मोटरसाइकिल से अगवा कर चला गया. बाद में परिवार को तालाब के किनारे लड़की का शव मिला. बगल में लड़की के फटे कपड़े, खून के निशान, शरीर के बाल और मांस का टुकड़ा पड़ा हुआ मिला. शव के हाथ-पैर बंधे हुए थे.
परिवार ने FIR में कहा था कि उनकी नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद उसकी निर्मम हत्या करके शव को फेंक दिया गया. यह भी आरोप लगाया गया है कि संजय राय ने कथित तौर पर हत्या के दो-तीन दिन पहले परिवार को धमकी दी थी कि अगर नाबालिग लड़की की शादी उससे नहीं की गई तो उसकी हत्या कर देंगे.
क्विंट हिंदी ने पुलिस के दावे पर मृतका के परिजनों से भी बात करने की कोशिश की. लेकिन परिवार रविवार, 18 अगस्त की रात से ही अपने घर पर नहीं है. इसके अलावा हमने मृतका की मां की तहरीर पर दिए गए उनके नंबर पर भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन यह नंबर भी बंद है. आगे परिवार की प्रतिक्रिया आने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
(इनपुट- महीप राज)
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