advertisement
मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 34 लड़कियों से रेप के मामले में अब बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है. इस केस में वर्मा के पति का नाम आने के बाद वो विवादों के केंद्र में हैं.
बिहार सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है क्योंकि इससे एक दिन पहले ही सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इस्तीफे की बात से इनकार कर दिया था. दोनों का कहना था कि इस्तीफा तब तक नहीं होगा जब तक ये नहीं पाया जाएगा कि मंजू वर्मा ने किसी तरह के गलत काम में मदद की.
इससे पहले केस के मुख्य आरोपी ने स्वीकार किया था कि मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा से फोन पर 'राजनीतिक मुद्दों' पर बातचीत हुई थी. मुजफ्फरपुर जिले की एक स्थानीय अदालत में पेशी के दौरान आरोपी ब्रजेश ठाकुर सेृ जनवरी से जून महीने की कॉल डिटेल्स के बारे में पूछा गया, 17 बार उसकी बात चंद्रशेखर वर्मा से हुई थी. ऐसे में विपक्षी दलों ने मांग की थी कि मंजू वर्मा इस मामले में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें और उनके पति को गिरफ्तार करके उनसे इस मामले में पूछताछ की जाए.
मंजू वर्मा ने पिछले 26 जुलाई को हर आरोप को गलत बताया था. और कहा था कि आरोप साबित होने पर वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी. समाज कल्याण मंत्री ने अपने पति को निर्दोष बताते हुए यहां तक कहा था कि वह अपने पति पर आरोप सिद्ध होने पर मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ राजनीतिक और सामाजिक जीवन से संन्यास ले लेंगी. उन्होंने आरोप लगाया था कि वे पिछड़ी और कमजोर जाति से हैं इसलिए उनके पति को मोहरा बनाया जा रहा है.
इस्तीफे के बाद मंजू वर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि उनसे नीतीश कुमार ने इस्तीफा नहीं मांगा था. वर्मा का कहना है कि विपक्ष उनके पीछे पड़ा हुआ है, साजिश रची जा रही है. जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी
शेल्टर होम रेप केस मामले में मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने शेल्टर होम चलाने वाले एनजीओ को पैसे देने पर नीतीश सरकार की खिंचाई की थी. साथ ही देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता भी जताई. कोर्ट ने कहा कि जिधर देखो, उधर ही महिलाओं से बलात्कार हो रहा है.
जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि देश में हर 6 घंटे में एक महिला रेप की शिकार हो रही है.
नीतीश कुमार ये स्वीकार भी कर चुके हैं कि सिस्टम में खामी है. कुमार ने कहा था कि उन्होंने मुख्य सचिव को पूरे सिस्टम की समीक्षा करने को कहा है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि ऐसा क्यों होता है? उन्होंने कहा कि ये पूरे सिस्टम की खामी है. राष्ट्रीय योजना के तहत बाल गृह का संचालन करने के लिए जो सिस्टम है, उस पूरे सिस्टम में ही खामी है.
दरअसल, मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी. जिसमें पहली बार इस बालिका गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी. टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई. जिसके बाद पुलिस ने बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया. पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 40 से अधिक लड़कियां थी और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि उनमें से 34 के साथ रेप हुआ था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)