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मुजफ्फरपुर कांड मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी में नाकामी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए बिहार पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री रहीं मंजू वर्मा के घर से सीबीआई ने छापेमारी के दौरान हथियार बरामद किए थे. हालांकि, बिहार पुलिस अबतक उन्हें गिरफ्तारी नहीं कर सकी है.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार पुलिस के लिए काफी तल्ख टिप्पणियां की. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर डीजीपी को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा-
कोर्ट ने कहा, 'हम हैरान हैं कि पुलिस एक पूर्व कैबिनेट मंत्री का महीने भर में सुराग तक नहीं लगा पाई. पुलिस बताए कि आखिर इतनी महत्वपूर्ण शख्स को अब तक ट्रेस क्यों नहीं कर पाई. डीजीपी कोर्ट में पेश हों.'
इससे पहले कोर्ट ने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर कहा था, 'बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है. पूर्व मंत्री छिपी हुईं हैं और सरकार को पता ही नहीं है. मंत्री की जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी सरकार उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.'
मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी. इसमें पहली बार बालिका गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी. टीम ने 26 मई को ये रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी थी. मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई. जिसके बाद बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया. पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में 41 लड़कियां थी और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि उनमें से 34 के साथ रेप हुआ था.
मामले में 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को एफआईआर दर्ज की गई. मामले की जांच बाद में सीबीआई को सौंप दी गई.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का करीबी माना जाता है. इसी कांड को लेकर मंजू वर्मा को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था.
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