Home News India सेंट्रल हॉल में मोदी ने संविधान को किया नमन, भाषण की 10 बड़ी बातें
सेंट्रल हॉल में मोदी ने संविधान को किया नमन, भाषण की 10 बड़ी बातें
भाषण के दौरान मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का आभार जताया.
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संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान के सामने माथा टेकते नरेंद्र मोदी
(फोटोः @NarendraModi)
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संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) का नेता चुन लिया गया. नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल हॉल में संविधान को नमन करने के बाद नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित किया.
अपने भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सभी दलों का और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का आभार जताया.
नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
बीजेपी ने संसदीय दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से मुझे चुना और एनडीए के सभी दलों ने इसका समर्थन किया और इसके लिए मैं आभारी हूं.
मेरे जीवन के कई पड़ाव रहे, इसलिए मैं इन चीजों को भली-भांति समझता हूं, मैंने इतने चुनाव देखे, हार-जीत सब देखे, लेकिन मैं कह सकता हूं कि मेरे जीवन में 2019 का चुनाव एक प्रकार की तीर्थयात्रा थी
एनडीए के पास दो महत्वपूर्ण चीजें हैं, जो हमारी अमानत है. एक है एनर्जी और दूसरा है सिनर्जी. ये एनर्जी और सिनर्जी एक ऐसा केमिकल है, जिसको लेकर हम सशक्त और सामर्थ्यवान हुए हैं, जिसको लेकर हमें आगे चलना है.
हम न हमारी हैसियत से जीतकर आते हैं, न कोई वर्ग हमें जिताता है, न मोदी हमें जिताता है. हमें सिर्फ देश की जनता जिताती है. हम जो कुछ भी हैं मोदी के कारण नहीं, जनता जनार्दन के कारण हैं. हम यहां अपनी योग्यता के कारण नहीं हैं, जनता जनार्दन के कारण हैं.
सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है. सत्ताभाव भारत का मतदाता कभी स्वीकार नहीं करता है. जनता ने हमें सेवाभाव की वजह से चुना है. देश की जनता सेवाभाव स्वीकार करती है
आम तौर पर कहा जाता है कि चुनाव बांट देता है, दूरियां पैदा करता है, दीवार बना देता है. लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है. इस चुनाव ने दिलों को जोड़ने काम किया है. ये चुनाव सामाजिक एकता का आंदोलन बन गया है.
विश्वास की डोर जब मजबूत होती है, तो प्रो-इंकंबेंसी वेव पैदा होती है, यह वेव विश्वास की डोर से बंधी हुई है. ये चुनाव पॉजिटिव वोट का चुनाव है. फिर से सरकार को लाना है, काम देना है, जिम्मेदारी देनी है. इस सकारात्मक सोच ने इतना बड़ा जनादेश दिया है.
इस देश में बहुत ऐसे नरेन्द्र मोदी पैदा हो गए हैं, जिन्होंने मंत्रिमंडल बना दिया है. जो भी जीतकर आए हैं, सब मेरे हैं. सरकार और कोई बनाने वाला नहीं है, जिसकी जिम्मेवारी है वही बनाने वाले हैं. अखबार के पन्नों से न मंत्री बनते हैं, न मंत्रिपद जाते हैं.
वीआईपी कल्चर से देश को बड़ी नफरत है. हम भी नागरिक हैं तो कतार में क्यों खड़े नहीं रह सकते. मैं चाहता हूं कि हमें जनता को ध्यान में रखकर खुद को बदलना चाहिए. लाल बत्ती हटाने से कोई आर्थिक फायदा नहीं हुए, जनता के बीच अच्छा मैसेज गया है.
दुर्भाग्य से देश की माइनॉरिटी को उस छलावे में ऐसा भ्रमित और भयभीत रख गया है, उससे अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती. 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है. हमें विश्वास जीतना है.